| Sr. No | Article Title | Author Name | 
		
	
	| 1 | तिसरया सम्यक साहित्य संमेलनाचे अध्यक्षीय भाषण | संजय पवार | 
		
	
	| 2 | भारत-चीन सीमाप्रश्न :चीनच्या नजरेतून | नेव्हिल मक्सवेल | 
		
	
	| 3 | भारत व चीन सीमासंबंध :आरोप प्रत्यारोपाची भाषा टाळण्याची गरज | दिब्येश आनंद | 
		
	
	| 4 | भारत व चीन संबंधाचे बदलते संदर्भ | वैभवि पळसुले | 
		
	
	| 5 | अमेरिका :सुरक्षिततेच्या नावांन.. | विजय प्रशाद | 
		
	
	| 6 | शांततेचे नोबल पारितोषिक कोणाला? युरोपियन युनियनला | रमेशचंद्र पाटकर | 
		
	
	| 7 | रामजन्मभूमी-बाबरी मशीद प्रकरण आणि हिंदू मुस्लीम संघर्ष | संजयकुमार कांबळे | 
		
	
	| 8 | काळसापेक्ष समाज आणि शेतीसाहीत्य | बालाजी घारुळे | 
		
	
	| 9 | आरक्षण गली अति सांकरी | पवन करण | 
		
	
	| 10 | जयंत पवारांची कथा | महेंद्र कदम | 
		
	
	| 11 | युगद्रष्टा महाराजा | रमेश वरखेडे | 
		
	
	| 12 |  | अर्थपाल | 
		
	
	| 13 | आप का पैसा आप के हात ? | प्रकाश बुरटे | 
		
	
	| 14 | रोकठोक परीक्षेची घडी | विना संधू ,संतोष तिवारी ,इन्दूलेखा अरविंद | 
		
	
	| 15 | कॅश ट्रान्स्फर-निवडणूक डावपेच व नवीन आर्थिक धोरणाचा प्रभाव | भालचंद्र कानगो | 
		
	
	| 16 | कॅश ट्रान्स्फर एक फसवा प्रयोग | रमेश पाध्ये | 
		
	
	| 17 | मी माझ्या जीवासाठी लढले ...आणि जिंकले | सोहेला अब्दुल अली | 
		
	
	| 18 | गुजरात;धुरीणत्वाच्या विळख्यातील राजकारण | सुहास पळशीकर | 
		
	
	| 19 | नागरी समाज : लेखाजोखा | प्रवीण नाडकर | 
		
	
	| 20 | दुष्काळी भागातील पाणीयोजनाची दशा | संजय सपकाळ | 
		
	
	| 21 | कुटील कारस्थानाच्या आ्ड्यावर | सुबोध मोरे | 
		
	
	| 22 | प्राध्यापक : कळीतले, कळीचे, कळकाढू, कळलावे | जयदेव डोळे | 
		
	
	| 23 | ब्लेक,डेक:२०१२:दिल्ली ओळख | अरुणचंद्र गवळी | 
		
	
	| 24 | कॉम्रेड,आता तर संध्याकाळ दाटून आलीये,कॉम्रेड हे तुम्ही का सांगत नाही? | संजीव चांदोरकर | 
		
	
	| 25 | वित्तभांडवल=मायाभांडवल , संविधान गौरव=मायागौरव | शरद पाटील | 
		
	
	| 26 |  | अर्थपाल | 
		
	
	| 27 | पुरुषसत्ताक व्यवस्थेतीलसमूहात्मता आणि सत्ता | विद्युत भागवत | 
		
	
	| 28 | दिल्ली दुर्घटना: स्त्रीचळवळीसाठी चढणीचे वळण | सुप्रिया गायकवाड आणि दिलीप चव्हाण | 
		
	
	| 29 | बलात्काराचा व्यापक संदर्भ | नरेंद्र पानी | 
		
	
	| 30 | बलात्कार: गरज व्यापक लढ्याची | संगीता ठोसर | 
		
	
	| 31 | रोझा पार्क्स ,विद्रोहाची ताकत आणि दिल्लीतील चालत्या बसमधील बलात्कार | विद्याधर दाते | 
		
	
	| 32 | सिरियातील रणकंदन | रमेशचंद्र पाटकर | 
		
	
	| 33 | प्रकाश आंबेडकर,जंतरमंतर आणि शाळेतील जात | नितीश नवसागरे | 
		
	
	| 34 | वित्तीय विकेंद्रीकरनामध्ये राज्य वित्त आयोगाची भूमिका | मनोज पांडकर | 
		
	
	| 35 | भारतातील उच्चाशिक्षणातील सद्यस्थिती | संदीप रावल | 
		
	
	| 36 | प्रीन्सीपोल द्रोणाचार्य आणि डॉक्टर एकलव्य | जयदेव डोळे | 
		
	
	| 37 | दुसरे जग आहे च्या निमित्ताने | संजीव चांदोरकर | 
		
	
	| 38 | एच.डी.एफ.सी.बँकेचा उगम व विकासाची कथा | अविनाश कोल्हे | 
		
	
	| 39 | लेलेन्कृत शिवसेनेचे वर्गीय विश्लेषण एक अर्धसत्य | श्रावण देवरे | 
		
	
	| 40 |  | अर्थपाल | 
		
	
	| 41 |  | अर्थपाल | 
		
	
	| 42 | सूड म्हणजे न्याय नव्हे ! | सुकुमार शिदोरे | 
		
	
	| 43 | संस्कृती उद्योग, कॉर्पोरेट प्रभुसत्ता आणि आभासी आधुनिकता | दत्ता देसाई | 
		
	
	| 44 | आंध्र प्रदेश : तात्कालिक वर्चस्व आणि तीव्र स्पर्धात्मकतेचे राजकारण | सुहास पळशीकर | 
		
	
	| 45 | लाभक्षेत्रे समन्यायी पाणीवाटपासाठीची कुरुक्षेत्रे व्हावीत | प्रदीप पुरंदरे | 
		
	
	| 46 | दिल्ली दुर्घटना स्त्रीचळवळीचे चढणीचे वळण | सुप्रिया गायकवाड आणि दिलीप चव्हाण | 
		
	
	| 47 | स्त्री - पुरुष समता आणि पुरुष कार्यकर्त्याचे विचारव्यवहार | कुमार शिराळकर | 
		
	
	| 48 | हरिवंशराय आणि हरीवंशराय | जयदेव डोळे | 
		
	
	| 49 | पद्मा देसाई यांची भरारी | माधव दातार | 
		
	
	| 50 | मंटोच्या निमित्ताने ... | किरण येले | 
		
	
	| 51 | देवरेकृत जातकेंद्री विश्लेषण : काही गुंतागुंती आणि प्रश्न | शैलेन्द्र खरात | 
		
	
	| 52 |  | अर्थपाल | 
		
	
	| 53 | संपादकीय | विद्युत भागवत /प्रज्ञा दया पवार | 
		
	
	| 54 | मला उद्ध्वस्त व्हायचय | मालिका अमर शेख | 
		
	
	| 55 | सांगत्ये ऐका | हंसा वाडकर | 
		
	
	| 56 | मी अशी घडले | लीला आवटे | 
		
	
	| 57 | आयदान | उर्मिला पवार | 
		
	
	| 58 | सांगायची गोष्ट म्हणजे | हिरा पवार | 
		
	
	| 59 | संस्कृती उद्योग, कॉर्पोरेट प्रभुसत्ता आणि आभासी आधुनिकता | दत्ता देसाई | 
		
	
	| 60 | खाद्यान्नाचे उत्पादन आणि वितरण | रमेश पाध्ये | 
		
	
	| 61 | आरक्षणाचे भ्रमजाल आणि भ्रमचित्त आरक्षण | सुभाष भिंगे | 
		
	
	| 62 | योनीच्या मनीच्या शंभरीनिमित्ताने | रोचना मोरे | 
		
	
	| 63 | कोट | नवतेज सिंघ | 
		
	
	| 64 |  | छाया कोरेगावकर | 
		
	
	| 65 | अंतर्मुख करणारे ग्रामीण जीवनाचे वास्तव | निळकृष्ण देशपांडे | 
		
	
	| 66 |  | सुनिता झाडे | 
		
	
	| 67 |  | वीरभद्र मिरेवाड | 
		
	
	| 68 | सोनई दलित हत्याकांडाचा रिपोर्ट | कुणाल शिरसाठे | 
		
	
	| 69 | दलित अत्याचारांबाबत पोलिसांची दडपशाही | सुबोध मोरे | 
		
	
	| 70 | हत्याकांड रमाबाईनगरातलं ! | मिलिंद भवर | 
		
	
	| 71 | दलित अत्याचार काही निरीक्षणे | नितीश नवसागरे | 
		
	
	| 72 | दलित अत्याचारविरोधात 'पँथर'सारखा झंझावात उभारायला हवा ! | संदेश पवार | 
		
	
	| 73 | साम्राज्यवादी शक्तींच्या विळख्यात माली | रमेशचंद्र पाटकर | 
		
	
	| 74 | चीनमधील वैचारिक संघर्ष : एका दगडात दोन  : बो ज़िलाय व चॉंगकिंग मॉडेलदेखिल | युझी झाव | 
		
	
	| 75 | राजस्थानचे द्विपक्षीय राजकारण | सुहास पळशीकर | 
		
	
	| 76 | दि.के. बेड़ेकर यांचे मार्क्सवादी विचारांचे आकलन | नामदेव गपते | 
		
	
	| 77 | कलासक्त नवरगाव आणि सदानंद बोरकर | गजानन कोर्तलवार | 
		
	
	| 78 | धोंड, धोंडीबा आणि धोंडे | जयदेव डोळे | 
		
	
	| 79 | बोलके पोपट | सुरेश राघव | 
		
	
	| 80 |  | अरुणचंद्र गवळी | 
		
	
	| 81 |  | विनोद नरेंद्र कुलकर्णी | 
		
	
	| 82 |  | मुबारक शेख | 
		
	
	| 83 |  | हो ची मिन्ह | 
		
	
	| 84 | पाप आणि विज्ञान | वंदना पळसाने | 
		
	
	| 85 | कॅश ट्रान्स्फर : गोंधळात हरवतोय मुद्दा | सुरेश सावंत | 
		
	
	| 86 |  | अर्थपाल | 
		
	
	| 87 | युपीएससी परीक्षेतील अभिजनवादी बदल | तुकाराम जाधव | 
		
	
	| 88 | भाषेचं सत्ताकारण आणि भाषाजन्य शोषण | किशोर दरक | 
		
	
	| 89 | युपीएससी परीक्षा आणि त्याबाबतचे वादविवाद | माया पंडित | 
		
	
	| 90 | आदिवासी भाषा: आव्हाने आणि पुढील दिशा | दिलीप चव्हाण | 
		
	
	| 91 | माली आणि इजिप्त - इराण | निर्भय सिंह जाधव | 
		
	
	| 92 | धगधगता शाहबाग चौक | निलोत्पल बासू | 
		
	
	| 93 | ही व्यवस्था काय आहे ? | राजीव कालेकर | 
		
	
	| 94 | तो सर्वव्यापी आहे | जयदेव डोळे | 
		
	
	| 95 | भाववाढीचा दर: कल्पना आणि वास्तव | अर्थपाल | 
		
	
	| 96 | दया पवारांच्या गावात | मनोहर जाधव | 
		
	
	| 97 | कॉन्ग्रेसने आणि गांधीजींनी अखंड भारत का नाकारला ? | फक्रुद्दीन बेन्नुर | 
		
	
	| 98 | संधीसाधुत्वाचे राजकारण | जयंत लेले | 
		
	
	| 99 | योनीच्या मनीच्या शंभरीनिमित्ताने | वंदना खारे | 
		
	
	| 100 | स्त्री-पुरुष समता आणि पुरुष कार्यकर्त्यांचे व्यवहार - एक प्रतिक्रिया | सुनिती देव | 
		
	
	| 101 | सौराष्ट्रातील दुष्काळ:काही निरीक्षणे | महेश शिरापूरकर / केदार देशमुख | 
		
	
	| 102 | गुजरात : गाजावाजाआणि कटू सत्य | अनुपमा काताकाम | 
		
	
	| 103 | विकासाचे मृगजळ | लैला बावडम | 
		
	
	| 104 | पाकिस्तानातील निवडणुका | सुकुमार  शिदोरे | 
		
	
	| 105 | प्रकाश आंबेडकरांच्या विधानाच्या समर्थनार्थ | आनंद तेलतुंबडे | 
		
	
	| 106 | हिंसेने झाकोळलेली राजकीय : स्पर्धा नागालंड | सुहास पळशीकर | 
		
	
	| 107 | अविचार स्वातंत्र्यासाठी | शीतल साठे | 
		
	
	| 108 | शिक्षणाचे बाजारीकरण आणि सीमांतसमूह | प.क. कुलकर्णी | 
		
	
	| 109 | कॉंग्रेसने आणि गांधीजीने अखंड भारत का नाकारला | फक्रुद्दीन बेन्नुर | 
		
	
	| 110 |  | अर्थपाल | 
		
	
	| 111 | महाराष्ट्रातील दुष्काळ | मनोज पांडकर | 
		
	
	| 112 | मराठवाड्यातील दुष्काळ | सोमिनाथ घोळवे | 
		
	
	| 113 | माणदेशी माणसाचे दुष्काळदुखः | आनंद  विंगकर | 
		
	
	| 114 | दुष्काळ मानवनिर्मित असतो असा! | प्रदिप पुरंदरे | 
		
	
	| 115 | पाणी आणि जातिसंघर्ष | राजू अडगळे | 
		
	
	| 116 | दुष्काळाच्या निर्मुलनासाठी | रमेश पाध्ये | 
		
	
	| 117 | कामगार संघटन :स्वरूप व आव्हाने | माधव दातार | 
		
	
	| 118 | असंतोषाची अडगळ | जावेद इक्बाल | 
		
	
	| 119 | कुठे शोधू आता ....श्रमणारे अविरत आम्ही | मधुकर अराकडे | 
		
	
	| 120 | चीत्रव्ह्यू आणि चलतचीत्रव्ह्य या जोड पुस्तकाविषयीू | सुनीती देव | 
		
	
	| 121 |  | अर्थपाल | 
		
	
	| 122 | काश्मीर : साम्राज्यवादी राजकारणाचा बळी | फक्रुद्दीन बेन्नुर | 
		
	
	| 123 | मागास जातींच्या राजकारणाचे रणमैदान :बिहार | सुहास पळशीकर | 
		
	
	| 124 | तामिळनाडूमधील दलितांची कथा आणि व्यथा | एस.दोराईराज | 
		
	
	| 125 | पश्चिम महाराष्ट्रातील दुष्काळ | सोमीनाथ घोळवे | 
		
	
	| 126 | पंचायत राजव्यवस्था आणि स्त्रियांचा सहभाग | निर्मला जाधव | 
		
	
	| 127 | ओ बी सी चळवळ:मंडलचा लढा व आंबेडकरी चळवळ | श्रावण देवरे | 
		
	
	| 128 | ग्लोबल दुनियेत पाणी | अशोक कोतवाल | 
		
	
	| 129 | सतीश आळेकरांचे नवे नाटक | विद्युत भागवत | 
		
	
	| 130 | शीतल-सचिनचाजहाल समाजवादगुन्हा की जातीव्यवस्थाक विषमतावाद गुन्हा? | शरद पाटील | 
		
	
	| 131 | प्रमाण आणि बोली भाषा | बशीर मुजावर | 
		
	
	| 132 | वेदनेतून उमललेले काव्य | चंद्रकांत पाटील | 
		
	
	| 133 |  | शरद नावरे | 
		
	
	| 134 | भारतीय सुधारणावादाला असगर अली इंजिनीअर यांचे योगदान | चित्रा रेडकर | 
		
	
	| 135 | इस्लाम आणि कुराण :समज आणि गैरसमज | असगर अली | 
		
	
	| 136 | पाकिस्तानचा निवडणूकनामा | सुकुमार  शिदोरे | 
		
	
	| 137 | बाबासाहेब विरोधक आंबेडकर वादीच | आनंद तेलतुंबडे | 
		
	
	| 138 | पंचायतराज्यावस्था आणि स्त्रियांचा सहभाग | निर्मला जाधव | 
		
	
	| 139 | वैज्ञानिक ज्ञाननिर्मिती मधील स्त्रीवादी आव्हाने | छाया दातार | 
		
	
	| 140 | भांडवली पद्धतीमधील राज-लय | चंद्रकांत केळकर | 
		
	
	| 141 | एक शिक्षक एक समीक्षा | जयदेव डोळे | 
		
	
	| 142 | शिक्षणाकडे नेणारा भाषेचा पूल | माधुरी दीक्षित | 
		
	
	| 143 | बहिणाबाई चौधरींशी नाते जोडणारी कविता | मोतीराम कटारे | 
		
	
	| 144 | एन जी ओ पर्दाफाश | गोपाल आजगावकर | 
		
	
	| 145 |  | अर्थपाल | 
		
	
	| 146 |  | अर्थपाल | 
		
	
	| 147 | नेतृव, कार्यकर्ता द्वंद्व : एक आकलन | विलास सोनवणे | 
		
	
	| 148 | परिवर्तनवादी चळवळीतील सामान्य कार्यकर्त्यापुढील आव्हाने | संजीव चांदोरकर | 
		
	
	| 149 | नवे नवाज शरीफ? | क्रिस्तोफर जाफ्फ्रेलोट | 
		
	
	| 150 | कर्नाटकातील तीन पक्ष आणि अडीच पक्षीय स्पर्धा | सुहास पळशीकर | 
		
	
	| 151 | औषध - किमतीबाबतचे फसवे नवे धोरण | अनंत फडके | 
		
	
	| 152 | स्त्रियांनाच हटवा आता रस्त्यातून ! | प्रज्ञा दया पवार | 
		
	
	| 153 | ऊस, जात आणि दुष्काळाचे राजकीय अर्थकारण | राजू जाधव | 
		
	
	| 154 | भारतातील विमुक्त जाती - भटक्या जमाती आणि राष्ट्रीय समिती | विनायक लष्कर | 
		
	
	| 155 | बाबासाहेबांचे विरोधक - आंबेडकरवादीच ! | आनंद तेलतुंबडे | 
		
	
	| 156 | चित्रव्यूह आणि चलत- चित्रव्यूह' विषयी | वैशाली सिरसट | 
		
	
	| 157 | जातीअंत आणि जातीच्या मानसशास्त्राची शक्यता | रावसाहेब कसबे | 
		
	
	| 158 | जातजाणिवेच्या गुलामीतून मुक्ती | दीनानाथ मनोहर | 
		
	
	| 159 | एकविसाव्या शतकातील समाजवादाचा प्रवर्तक ह्युगो शावेज | चंद्रकांत केळकर | 
		
	
	| 160 | कोरियाच्या द्विपकल्पातील भडकत्या घडामोडी | रमेशचंद्र पाटकर | 
		
	
	| 161 | क्रिकेट नावाचा गोरख धंदा | शतरूप घोष | 
		
	
	| 162 | मुख्य प्रवाहातील माध्यमं असतात तशी का असतात | नोम चोमस्की | 
		
	
	| 163 | मुलांचे हक्क - आजचे वास्तव | लीला आवटे | 
		
	
	| 164 | असा का विकसित झाला 'माणूस'! | श्रीकांत कांता थाकोरभाई | 
		
	
	| 165 | पण, हे जरा गंभीरतेने घेतले पाहीजे | संजीव चांदोरकर | 
		
	
	| 166 | सुशीला पटेकर | उर्मिला पवार | 
		
	
	| 167 | भाषेचे राजकारण आणि भाषाजन्य शोषण - प्रतीक्रीयेची प्रतिक्रिया | श्रीकांत काळोखें | 
		
	
	| 168 | वैज्ञानिक विचारपद्धती, मार्क्सवादी विचारपद्धतीबाबतची चर्चा अगदी नेमकी हवी | अनंत फडके | 
		
	
	| 169 | फुले आंबेडकरी कार्यकर्त्याची वैचारिक फरफट ...? | विजय निरभवणे | 
		
	
	| 170 | जात्यंतक क्रांतीलढ्यातला अब्राहमणी योद्धा | रवींद्र घोदराज | 
		
	
	| 171 | लाल बावटावाले : सत्यशोधक शरद पाटील | दिनकर साळवे | 
		
	
	| 172 | शपा | श्रावण देवरे | 
		
	
	| 173 | शरद पाटील यांचा राजकीय प्रवास (मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पक्ष ते सत्यशोधक कम्युनिस्ट पक्ष) | कमलेश बेडसे | 
		
	
	| 174 | स्त्रीप्रश्नाबाबतचे मौलिक चिंतन | विद्युत भागवत | 
		
	
	| 175 | आंबेडकरवाद व शरद पाटील | प्रदिप गोखले | 
		
	
	| 176 | शरद पाटील यांची मांडणीतील काही दोषस्थळे | देवेंद्र समाधान इंगळे | 
		
	
	| 177 |  | सचिन माळी | 
		
	
	| 178 | शरद पाटील यांच्या प्रकाशित-अप्रकाशित मराठी लेखनाची सूची | कमलेश बेडसे | 
		
	
	| 179 | आसाम : स्वतःशी भांडण असलेले राज्य | सुहास पळशीकर | 
		
	
	| 180 |  | अर्थपाल | 
		
	
	| 181 |  | संपादक | 
		
	
	| 182 | शर्मिला रेगे : अखेरचा जयभीम | सुप्रिया गायकवाड | 
		
	
	| 183 | वैगुण्याचा निर्माता मानू | मेरी जॉन | 
		
	
	| 184 | दुष्काळ निर्मूलनाचे राजकारण | दत्ता देसाई | 
		
	
	| 185 | शिरपूर पैटर्ण : संयमाचे बंधारे आवश्यक | प्रदीप पुरंदरे | 
		
	
	| 186 | शेतात पाणी बघणार,मगच चळवळ थांबणार ! | संपत मोरे | 
		
	
	| 187 | लीबॉर महाघोटाळा | संजीव चांदोरकर | 
		
	
	| 188 | न्यायालयातील अन्याय | अरुणा बुरटे | 
		
	
	| 189 | उर्जा पर्यायांच्या चर्चेसाठी मुक्त वातावरण हवे! | प्रकाश बुरटे | 
		
	
	| 190 | जातींत आणि जातीच्या मानासशात्राची शक्यता (उत्तरार्ध) | रावसाहेब कसबे | 
		
	
	| 191 | राजकोशीय तुटीतील घात-वास्तव काय आहे? | अर्थपाल | 
		
	
	| 192 | सलाम शर्मिला रेगे | निवेदिता मेनन | 
		
	
	| 193 | कल्लोळातला एकांत:काळावरचे भेदक भाष्य | पी. विट्ठल | 
		
	
	| 194 | करूळचा मुलगा | वृषाली मगदूम | 
		
	
	| 195 | भारतातील डावे राजकारण समजुन घेताना | मयुरी सामंत | 
		
	
	| 196 | मुस्लिम समाजाचा अंतरवेध | नंदिनी चव्हाण | 
		
	
	| 197 | भारताच्या स्वातंत्र्यलढ्याबद्दल नवे विवेचन | अविनाश कोल्हे | 
		
	
	| 198 | इस्लामचे ऐतिहासिक योगदान | अनिल जायभाये | 
		
	
	| 199 | इजिप्तमधिल अराजक | रमेशचंद्र पाटकर | 
		
	
	| 200 | पाक्षीतातून तेलंगाना राज्याची निर्मिती | बालाजी घारुळे | 
		
	
	| 201 | तामिळनाडूमधील अस्मितांचा गुंता आणि लोकानुरंजनवादी राजकारण | सुहास पळशीकर | 
		
	
	| 202 | बसवन्नांचा जातीअंताचा विचार व लढा | राजशेखर सोलापुरे | 
		
	
	| 203 | रवींद्रनाथांचे जन गण मन : वस्तुस्थिती आणि विपर्यास | प्रवीण लोंढे | 
		
	
	| 204 | हिंदू | मनोहर जाधव | 
		
	
	| 205 | आंबेडकरी चळवळीच्या आकलनातील कम्युनिस्ट पंथीय कोतेपणा | मिलिंद भवर | 
		
	
	| 206 | भाषेचे राजकारण-एक खुलासा | बशीर मुजावर | 
		
	
	| 207 |  | अर्थपाल | 
		
	
	| 208 |  | माधव दातार | 
		
	
	| 209 |  | पवन करण | 
		
	
	| 210 |  | श्रीकांत काळोखे | 
		
	
	| 211 | दाभोळकरांचाही गांधी केला | आनंद तेलतुंबडे | 
		
	
	| 212 | दाभोळकरांच्या हत्येचे दु:ख आहेच पण... | माधव दातार | 
		
	
	| 213 | अपराजित नरेंद्र दाभोळकर | सचिन माळी | 
		
	
	| 214 |  | प्रदीप पुरंदरे | 
		
	
	| 215 | विलासरावजी करणी कोणी केली व इतर लेख | नरेंद्र दाभोळकर | 
		
	
	| 216 | अमेरिकेच्या हेरगिरीच्या जाळ्यात अख्खं जग | रमेशचंद्र पाटकर | 
		
	
	| 217 | पोलिसांची गरज काय : लाच की आत्मसन्मान ? | सुरेश खोपडे | 
		
	
	| 218 | ज रा शिंदे : एक समाजशील मार्क्सवादी विचारवंत | विठ्ठल मोरे | 
		
	
	| 219 | रॉय : इंग्रजीच्या काळातील समाजसुधारक | अविनाश कोल्हे | 
		
	
	| 220 | आर्थिक अरिष्टाचा फेरा | अर्थपाल | 
		
	
	| 221 |  | संपादक | 
		
	
	| 222 |  | राहुल पुंगलिया | 
		
	
	| 223 |  | सचिन माळी | 
		
	
	| 224 | बाबुराव बागुल यांची कविता | संजीवकुमार सोनवणे | 
		
	
	| 225 | प्रवीण बांदेकर यांची कविता | श्रीकांत देशमुख | 
		
	
	| 226 | रफिक सुरज यांची कविता | फक्रुद्दीन बेन्नूर | 
		
	
	| 227 | भारताच्या हृदयातील खळबळ : उत्तरप्रदेशचे बहुपदरी गुंत्याचे राजकारण | सुहास पळशीकर | 
		
	
	| 228 | राष्ट्रीय अन्नसुरक्षा विधेयक २०१३ व दारिद्र्य | भारतकुमार सोलापुरे | 
		
	
	| 229 | भारतीय सामंत-सरंजामशाहीची अनन्यता तिच्याशी जातिव्यवस्थेच्या अविभाज्यतेमुळे | शरद पाटील | 
		
	
	| 230 | सिंचनप्रकल्पांचे जनवादी व लोकवैज्ञानिक व्यवस्थापन | प्रदीप पुरंदरे | 
		
	
	| 231 | ठष्ट : अंतर्मुख करणारा अनुभव | सरिता आव्हाड | 
		
	
	| 232 | प्राचीन प्रतिमांचे पाषाणपर्व | बालाजी चिरडे | 
		
	
	| 233 | राजकोषीय तुट आटोक्यात ठेवता येईल? | अर्थपाल | 
		
	
	| 234 |  | अर्थपाल | 
		
	
	| 235 | ...आणि रस्त्यावरचे पोलीस | बालिका बिटले | 
		
	
	| 236 | बोलो बाबा अलबेला की जय ! | चेतन कोल्हे | 
		
	
	| 237 | जादूटोणाविरोधी कायदा: वाटचाल व वारकर्यांची भूमिका | हर्शल लवंगारे | 
		
	
	| 238 | संतांच्या दुष्कृत्यांची संततधार | जय मुजुमदार | 
		
	
	| 239 | रिलीजन हिताय, रिलीजन सुखाय | जयदेव डोळे | 
		
	
	| 240 | सिरीयाची स्फोटक समस्या | रमेशचंद्र पाटकर | 
		
	
	| 241 | एका बुद्धिवादी शिक्षकाचा एकाकी लढा | लीला आवटे | 
		
	
	| 242 | पंचाईत जातीची आणि जातिअंताची | वनराज शिंदे | 
		
	
	| 243 | जागतिक सांस्कृतिक संघर्ष, धार्मिक अस्मिता आणि धर्मनिरपेक्षता | संजयकुमार कांबळे | 
		
	
	| 244 | भा. ल. भोळे यांचे समीक्षा-लेखन | नामदेव गपाटे | 
		
	
	| 245 | वाद-विवाद परंपरेतील डॉ विनोद रैना | प्रकाश बुरटे | 
		
	
	| 246 | सत ना गत'च्या निमित्ताने | सुनीती देव | 
		
	
	| 247 | अनेकवचनी भूतकाळी | सुधाकर यादव | 
		
	
	| 248 | प्रबोधनाचा विचार | जयंत लेले | 
		
	
	| 249 | शिवचरित्र आणि एक | धम्मकीर्ती  सुमंत | 
		
	
	| 250 | शिवचरित्र आणि एक | सदानंद मोरे | 
		
	
	| 251 | गौतमास कुणी मारले ? | शैला रेड्डी | 
		
	
	| 252 | विवेकानंदाचे अपहरण | प्रलय कानुनगो | 
		
	
	| 253 | एक वृक्ष कोसळताना | दत्ता भगत | 
		
	
	| 254 | मानवतावादी विचारवंत आणि इस्लामचा आधुनिकतावादी भाष्यकार | फक्रुद्दीन बेन्नूर | 
		
	
	| 255 | भारतीय स्वातंत्रलढा आणि अग्नेश स्मिदले | रमेशचंद्र पाटकर | 
		
	
	| 256 | धर्मगुरूंच्या झग्यातले सैतान | मंगला आठलेकर | 
		
	
	| 257 |  | संपादक | 
		
	
	| 258 | द्वंद्व | दिनानाथ मनोहर | 
		
	
	| 259 | तांड्याची बाई | युवराज पवार | 
		
	
	| 260 | मार्केटिंग | सिद्धार्थ देवधेकर | 
		
	
	| 261 | भूकांवादी | विठ्ठल सोनवणे | 
		
	
	| 262 | मलकापूर : लाल माती,माणस  आणि भाषा | अजित मगदूम | 
		
	
	| 263 |  | विजय चोरमारे | 
		
	
	| 264 | शब्द नव्हते या जगात जन्माला आलेले | मालिका अमर शेख | 
		
	
	| 265 |  | गणेश विसपुते | 
		
	
	| 266 | पदव्या पडल्या लोलाट रुई न कापस | भारतभूषण तिवारी | 
		
	
	| 267 | पशु - पक्षांची आपण क्षमा मागायला हवी | शरद नवरे | 
		
	
	| 268 |  | प्रियदर्शन | 
		
	
	| 269 |  | मनोहर जाधव | 
		
	
	| 270 | मुसलमान मूळ | पवन करण | 
		
	
	| 271 | वैशाली -2,कोसळ गणराज्य | श्रीकांत वर्मा | 
		
	
	| 272 | शिलालेख ,ठीब्स, संदर्भ, सोकावलेला | श्याम रंजनकर | 
		
	
	| 273 | बिम्बिसारच्या काश्गृहात , जरादेविच्या मंदिरात , गृध्कुट पर्वतात,पीर माखादुमच्या दर्ग्यात | राजा शिरगुप्पे | 
		
	
	| 274 | ऑल क्लीअर | किरण येले | 
		
	
	| 275 | मार्क झुकेरबर्गच्या नावान चांगभल | अविनाश गायकवाड | 
		
	
	| 276 | शुद्र ब्रह्मदेव | श्रीरंजन आवटे | 
		
	
	| 277 | झाड | अस्मिता गुरव | 
		
	
	| 278 | दावण | कल्पना दुधाळ | 
		
	
	| 279 | सांगायला हव मुलीना | नीरजा | 
		
	
	| 280 | दिवाळी विशेषांक  भाग - 2 | प्रशांत असनारे | 
		
	
	| 281 | नैसर्गिक मृत्यूच्या प्रतीक्षेत | सुहास एकशेंबेकर | 
		
	
	| 282 | हातात ए के फोरटीसेवेन घेऊन | प्रसन्नकुमार पाटील | 
		
	
	| 283 | अणुरेणु शोध | अशोक इंगळे | 
		
	
	| 284 | गिरणी बंद झाली त्या दिवशीची गोष्ट | अजीम नवाज राही | 
		
	
	| 285 | रुमान आणल असत तर | गणेश भाकरे | 
		
	
	| 286 | आत्महत्या | मंदाकिनी पाटील | 
		
	
	| 287 | एक कविता फरफटलेली | मुबारक शेख | 
		
	
	| 288 | आधार कार्ड | वसंत केशव पाटील | 
		
	
	| 289 | गर्ह्ण्याच्या दिंड्या | संदीप जगताप | 
		
	
	| 290 | अग्रव | उषा परब | 
		
	
	| 291 | घर का न घाट का | केशव सखाराम देशमुख | 
		
	
	| 292 | एकमेकांच्या जिवावर उठलेले | अशोक कोतवाल | 
		
	
	| 293 | हे शहर हे राज्य | माही | 
		
	
	| 294 | शहर-काही कविता | प्रदीप आवटे | 
		
	
	| 295 | विरामचीन्न्हांचा मृत्यू | प्रमोदकुमार आणेराव | 
		
	
	| 296 | मरी आई | भारत दौंडकर | 
		
	
	| 297 | माणस लिहितच राहतात मृत्युच्या शाईने | किशोर पाठक | 
		
	
	| 298 | बादल | नारायण लाळे | 
		
	
	| 299 | कातडी | अंजली कुलकर्णी | 
		
	
	| 300 | वासनेचा स्वैर वारू | अनिल धाकू कांबळी | 
		
	
	| 301 | त्याची साद | सत्यशोधक प्रणाली | 
		
	
	| 302 | आरसा | कानसू प्रीतम | 
		
	
	| 303 | गोपु | प्रभात पटनाईक | 
		
	
	| 304 | शेवटचा दिस | उदय नारकर | 
		
	
	| 305 | गोपुंचे नाटक | शांता गोखले | 
		
	
	| 306 | समग्रता, इतिहास आणि त्रैलोक्याचा सुभा | गोविंद पुरुषोत्तम देशपांडे | 
		
	
	| 307 | पंजाब : धार्मिक अस्मिता आणि हिंसा यांच्या कचाट्यातील राजकारण | सुहास पळशीकर | 
		
	
	| 308 | वारकऱ्यांचा अव्यापारेषु व्यापार ! | चंद्रसेन टिळेकर | 
		
	
	| 309 | मोदी : दहशतवादी यंत्रणांचा वापर, स्त्रीवादी क्ष-किरण | छाया दातार | 
		
	
	| 310 | दहशतीची सत्ता आणि सत्तेची दहशत | सारिता कानडे | 
		
	
	| 311 | सब-प्राईम क्रायसीस  की भांडवलशाहीतील संरचनात्मक प्रश्न | संजीव चांदोरकर | 
		
	
	| 312 | निमित्त : ६ डिसेंबर | प्रवीण लोंढे | 
		
	
	| 313 |  | अर्थपाल | 
		
	
	| 314 | मंगळाचे मिशन | चंद्रसेन टिळेकर | 
		
	
	| 315 | शर्यत | टेकचंद | 
		
	
	| 316 | नामदेवासाठी,प्रार्थना | मालिका अमर शेख | 
		
	
	| 317 | नैसर्गिक मृत्यूच्या प्रतीक्षेत | सुहास एक्संबेकर | 
		
	
	| 318 | ओमप्रकाश वाल्मिकी-आदरांजली | बजरंगबिहारी तिवारी | 
		
	
	| 319 | शब्द कधी खोटे बोलत नाहीत | लोकनाथ यशवंत | 
		
	
	| 320 | आई एम रियली सोर्री | मंगेश बनसोडे | 
		
	
	| 321 | दलित साहित्याचे पंडित | ओमप्रकाश वाल्मिकी | 
		
	
	| 322 | हे नेल्सन मंडेला तुम्हाला माहित आहेत? | दिनानाथ मनोहर | 
		
	
	| 323 | कुंठीतावास्तेवरील उपाययोजना:परंपरागत | संजीव चांदोरकर | 
		
	
	| 324 | शाहीद:पक्षपाती समाजव्यवस्थेवर एक सणसणीत चपराक | मिलिंद भवार | 
		
	
	| 325 |  | ओमप्रकाश वाल्मिकी |