Sr. No | Article Title | Author Name |
1 |
तिसरया सम्यक साहित्य संमेलनाचे अध्यक्षीय भाषण |
संजय पवार |
2 |
भारत-चीन सीमाप्रश्न :चीनच्या नजरेतून |
नेव्हिल मक्सवेल |
3 |
भारत व चीन सीमासंबंध :आरोप प्रत्यारोपाची भाषा टाळण्याची गरज |
दिब्येश आनंद |
4 |
भारत व चीन संबंधाचे बदलते संदर्भ |
वैभवि पळसुले |
5 |
अमेरिका :सुरक्षिततेच्या नावांन.. |
विजय प्रशाद |
6 |
शांततेचे नोबल पारितोषिक कोणाला? युरोपियन युनियनला |
रमेशचंद्र पाटकर |
7 |
रामजन्मभूमी-बाबरी मशीद प्रकरण आणि हिंदू मुस्लीम संघर्ष |
संजयकुमार कांबळे |
8 |
काळसापेक्ष समाज आणि शेतीसाहीत्य |
बालाजी घारुळे |
9 |
आरक्षण गली अति सांकरी |
पवन करण |
10 |
जयंत पवारांची कथा |
महेंद्र कदम |
11 |
युगद्रष्टा महाराजा |
रमेश वरखेडे |
12 |
|
अर्थपाल |
13 |
आप का पैसा आप के हात ? |
प्रकाश बुरटे |
14 |
रोकठोक परीक्षेची घडी |
विना संधू ,संतोष तिवारी ,इन्दूलेखा अरविंद |
15 |
कॅश ट्रान्स्फर-निवडणूक डावपेच व नवीन आर्थिक धोरणाचा प्रभाव |
भालचंद्र कानगो |
16 |
कॅश ट्रान्स्फर एक फसवा प्रयोग |
रमेश पाध्ये |
17 |
मी माझ्या जीवासाठी लढले ...आणि जिंकले |
सोहेला अब्दुल अली |
18 |
गुजरात;धुरीणत्वाच्या विळख्यातील राजकारण |
सुहास पळशीकर |
19 |
नागरी समाज : लेखाजोखा |
प्रवीण नाडकर |
20 |
दुष्काळी भागातील पाणीयोजनाची दशा |
संजय सपकाळ |
21 |
कुटील कारस्थानाच्या आ्ड्यावर |
सुबोध मोरे |
22 |
प्राध्यापक : कळीतले, कळीचे, कळकाढू, कळलावे |
जयदेव डोळे |
23 |
ब्लेक,डेक:२०१२:दिल्ली ओळख |
अरुणचंद्र गवळी |
24 |
कॉम्रेड,आता तर संध्याकाळ दाटून आलीये,कॉम्रेड हे तुम्ही का सांगत नाही? |
संजीव चांदोरकर |
25 |
वित्तभांडवल=मायाभांडवल , संविधान गौरव=मायागौरव |
शरद पाटील |
26 |
|
अर्थपाल |
27 |
पुरुषसत्ताक व्यवस्थेतीलसमूहात्मता आणि सत्ता |
विद्युत भागवत |
28 |
दिल्ली दुर्घटना: स्त्रीचळवळीसाठी चढणीचे वळण |
सुप्रिया गायकवाड आणि दिलीप चव्हाण |
29 |
बलात्काराचा व्यापक संदर्भ |
नरेंद्र पानी |
30 |
बलात्कार: गरज व्यापक लढ्याची |
संगीता ठोसर |
31 |
रोझा पार्क्स ,विद्रोहाची ताकत आणि दिल्लीतील चालत्या बसमधील बलात्कार |
विद्याधर दाते |
32 |
सिरियातील रणकंदन |
रमेशचंद्र पाटकर |
33 |
प्रकाश आंबेडकर,जंतरमंतर आणि शाळेतील जात |
नितीश नवसागरे |
34 |
वित्तीय विकेंद्रीकरनामध्ये राज्य वित्त आयोगाची भूमिका |
मनोज पांडकर |
35 |
भारतातील उच्चाशिक्षणातील सद्यस्थिती |
संदीप रावल |
36 |
प्रीन्सीपोल द्रोणाचार्य आणि डॉक्टर एकलव्य |
जयदेव डोळे |
37 |
दुसरे जग आहे च्या निमित्ताने |
संजीव चांदोरकर |
38 |
एच.डी.एफ.सी.बँकेचा उगम व विकासाची कथा |
अविनाश कोल्हे |
39 |
लेलेन्कृत शिवसेनेचे वर्गीय विश्लेषण एक अर्धसत्य |
श्रावण देवरे |
40 |
|
अर्थपाल |
41 |
|
अर्थपाल |
42 |
सूड म्हणजे न्याय नव्हे ! |
सुकुमार शिदोरे |
43 |
संस्कृती उद्योग, कॉर्पोरेट प्रभुसत्ता आणि आभासी आधुनिकता |
दत्ता देसाई |
44 |
आंध्र प्रदेश : तात्कालिक वर्चस्व आणि तीव्र स्पर्धात्मकतेचे राजकारण |
सुहास पळशीकर |
45 |
लाभक्षेत्रे समन्यायी पाणीवाटपासाठीची कुरुक्षेत्रे व्हावीत |
प्रदीप पुरंदरे |
46 |
दिल्ली दुर्घटना स्त्रीचळवळीचे चढणीचे वळण |
सुप्रिया गायकवाड आणि दिलीप चव्हाण |
47 |
स्त्री - पुरुष समता आणि पुरुष कार्यकर्त्याचे विचारव्यवहार |
कुमार शिराळकर |
48 |
हरिवंशराय आणि हरीवंशराय |
जयदेव डोळे |
49 |
पद्मा देसाई यांची भरारी |
माधव दातार |
50 |
मंटोच्या निमित्ताने ... |
किरण येले |
51 |
देवरेकृत जातकेंद्री विश्लेषण : काही गुंतागुंती आणि प्रश्न |
शैलेन्द्र खरात |
52 |
|
अर्थपाल |
53 |
संपादकीय |
विद्युत भागवत /प्रज्ञा दया पवार |
54 |
मला उद्ध्वस्त व्हायचय |
मालिका अमर शेख |
55 |
सांगत्ये ऐका |
हंसा वाडकर |
56 |
मी अशी घडले |
लीला आवटे |
57 |
आयदान |
उर्मिला पवार |
58 |
सांगायची गोष्ट म्हणजे |
हिरा पवार |
59 |
संस्कृती उद्योग, कॉर्पोरेट प्रभुसत्ता आणि आभासी आधुनिकता |
दत्ता देसाई |
60 |
खाद्यान्नाचे उत्पादन आणि वितरण |
रमेश पाध्ये |
61 |
आरक्षणाचे भ्रमजाल आणि भ्रमचित्त आरक्षण |
सुभाष भिंगे |
62 |
योनीच्या मनीच्या शंभरीनिमित्ताने |
रोचना मोरे |
63 |
कोट |
नवतेज सिंघ |
64 |
|
छाया कोरेगावकर |
65 |
अंतर्मुख करणारे ग्रामीण जीवनाचे वास्तव |
निळकृष्ण देशपांडे |
66 |
|
सुनिता झाडे |
67 |
|
वीरभद्र मिरेवाड |
68 |
सोनई दलित हत्याकांडाचा रिपोर्ट |
कुणाल शिरसाठे |
69 |
दलित अत्याचारांबाबत पोलिसांची दडपशाही |
सुबोध मोरे |
70 |
हत्याकांड रमाबाईनगरातलं ! |
मिलिंद भवर |
71 |
दलित अत्याचार काही निरीक्षणे |
नितीश नवसागरे |
72 |
दलित अत्याचारविरोधात 'पँथर'सारखा झंझावात उभारायला हवा ! |
संदेश पवार |
73 |
साम्राज्यवादी शक्तींच्या विळख्यात माली |
रमेशचंद्र पाटकर |
74 |
चीनमधील वैचारिक संघर्ष : एका दगडात दोन : बो ज़िलाय व चॉंगकिंग मॉडेलदेखिल |
युझी झाव |
75 |
राजस्थानचे द्विपक्षीय राजकारण |
सुहास पळशीकर |
76 |
दि.के. बेड़ेकर यांचे मार्क्सवादी विचारांचे आकलन |
नामदेव गपते |
77 |
कलासक्त नवरगाव आणि सदानंद बोरकर |
गजानन कोर्तलवार |
78 |
धोंड, धोंडीबा आणि धोंडे |
जयदेव डोळे |
79 |
बोलके पोपट |
सुरेश राघव |
80 |
|
अरुणचंद्र गवळी |
81 |
|
विनोद नरेंद्र कुलकर्णी |
82 |
|
मुबारक शेख |
83 |
|
हो ची मिन्ह |
84 |
पाप आणि विज्ञान |
वंदना पळसाने |
85 |
कॅश ट्रान्स्फर : गोंधळात हरवतोय मुद्दा |
सुरेश सावंत |
86 |
|
अर्थपाल |
87 |
युपीएससी परीक्षेतील अभिजनवादी बदल |
तुकाराम जाधव |
88 |
भाषेचं सत्ताकारण आणि भाषाजन्य शोषण |
किशोर दरक |
89 |
युपीएससी परीक्षा आणि त्याबाबतचे वादविवाद |
माया पंडित |
90 |
आदिवासी भाषा: आव्हाने आणि पुढील दिशा |
दिलीप चव्हाण |
91 |
माली आणि इजिप्त - इराण |
निर्भय सिंह जाधव |
92 |
धगधगता शाहबाग चौक |
निलोत्पल बासू |
93 |
ही व्यवस्था काय आहे ? |
राजीव कालेकर |
94 |
तो सर्वव्यापी आहे |
जयदेव डोळे |
95 |
भाववाढीचा दर: कल्पना आणि वास्तव |
अर्थपाल |
96 |
दया पवारांच्या गावात |
मनोहर जाधव |
97 |
कॉन्ग्रेसने आणि गांधीजींनी अखंड भारत का नाकारला ? |
फक्रुद्दीन बेन्नुर |
98 |
संधीसाधुत्वाचे राजकारण |
जयंत लेले |
99 |
योनीच्या मनीच्या शंभरीनिमित्ताने |
वंदना खारे |
100 |
स्त्री-पुरुष समता आणि पुरुष कार्यकर्त्यांचे व्यवहार - एक प्रतिक्रिया |
सुनिती देव |
101 |
सौराष्ट्रातील दुष्काळ:काही निरीक्षणे |
महेश शिरापूरकर / केदार देशमुख |
102 |
गुजरात : गाजावाजाआणि कटू सत्य |
अनुपमा काताकाम |
103 |
विकासाचे मृगजळ |
लैला बावडम |
104 |
पाकिस्तानातील निवडणुका |
सुकुमार शिदोरे |
105 |
प्रकाश आंबेडकरांच्या विधानाच्या समर्थनार्थ |
आनंद तेलतुंबडे |
106 |
हिंसेने झाकोळलेली राजकीय : स्पर्धा नागालंड |
सुहास पळशीकर |
107 |
अविचार स्वातंत्र्यासाठी |
शीतल साठे |
108 |
शिक्षणाचे बाजारीकरण आणि सीमांतसमूह |
प.क. कुलकर्णी |
109 |
कॉंग्रेसने आणि गांधीजीने अखंड भारत का नाकारला |
फक्रुद्दीन बेन्नुर |
110 |
|
अर्थपाल |
111 |
महाराष्ट्रातील दुष्काळ |
मनोज पांडकर |
112 |
मराठवाड्यातील दुष्काळ |
सोमिनाथ घोळवे |
113 |
माणदेशी माणसाचे दुष्काळदुखः |
आनंद विंगकर |
114 |
दुष्काळ मानवनिर्मित असतो असा! |
प्रदिप पुरंदरे |
115 |
पाणी आणि जातिसंघर्ष |
राजू अडगळे |
116 |
दुष्काळाच्या निर्मुलनासाठी |
रमेश पाध्ये |
117 |
कामगार संघटन :स्वरूप व आव्हाने |
माधव दातार |
118 |
असंतोषाची अडगळ |
जावेद इक्बाल |
119 |
कुठे शोधू आता ....श्रमणारे अविरत आम्ही |
मधुकर अराकडे |
120 |
चीत्रव्ह्यू आणि चलतचीत्रव्ह्य या जोड पुस्तकाविषयीू |
सुनीती देव |
121 |
|
अर्थपाल |
122 |
काश्मीर : साम्राज्यवादी राजकारणाचा बळी |
फक्रुद्दीन बेन्नुर |
123 |
मागास जातींच्या राजकारणाचे रणमैदान :बिहार |
सुहास पळशीकर |
124 |
तामिळनाडूमधील दलितांची कथा आणि व्यथा |
एस.दोराईराज |
125 |
पश्चिम महाराष्ट्रातील दुष्काळ |
सोमीनाथ घोळवे |
126 |
पंचायत राजव्यवस्था आणि स्त्रियांचा सहभाग |
निर्मला जाधव |
127 |
ओ बी सी चळवळ:मंडलचा लढा व आंबेडकरी चळवळ |
श्रावण देवरे |
128 |
ग्लोबल दुनियेत पाणी |
अशोक कोतवाल |
129 |
सतीश आळेकरांचे नवे नाटक |
विद्युत भागवत |
130 |
शीतल-सचिनचाजहाल समाजवादगुन्हा की जातीव्यवस्थाक विषमतावाद गुन्हा? |
शरद पाटील |
131 |
प्रमाण आणि बोली भाषा |
बशीर मुजावर |
132 |
वेदनेतून उमललेले काव्य |
चंद्रकांत पाटील |
133 |
|
शरद नावरे |
134 |
भारतीय सुधारणावादाला असगर अली इंजिनीअर यांचे योगदान |
चित्रा रेडकर |
135 |
इस्लाम आणि कुराण :समज आणि गैरसमज |
असगर अली |
136 |
पाकिस्तानचा निवडणूकनामा |
सुकुमार शिदोरे |
137 |
बाबासाहेब विरोधक आंबेडकर वादीच |
आनंद तेलतुंबडे |
138 |
पंचायतराज्यावस्था आणि स्त्रियांचा सहभाग |
निर्मला जाधव |
139 |
वैज्ञानिक ज्ञाननिर्मिती मधील स्त्रीवादी आव्हाने |
छाया दातार |
140 |
भांडवली पद्धतीमधील राज-लय |
चंद्रकांत केळकर |
141 |
एक शिक्षक एक समीक्षा |
जयदेव डोळे |
142 |
शिक्षणाकडे नेणारा भाषेचा पूल |
माधुरी दीक्षित |
143 |
बहिणाबाई चौधरींशी नाते जोडणारी कविता |
मोतीराम कटारे |
144 |
एन जी ओ पर्दाफाश |
गोपाल आजगावकर |
145 |
|
अर्थपाल |
146 |
|
अर्थपाल |
147 |
नेतृव, कार्यकर्ता द्वंद्व : एक आकलन |
विलास सोनवणे |
148 |
परिवर्तनवादी चळवळीतील सामान्य कार्यकर्त्यापुढील आव्हाने |
संजीव चांदोरकर |
149 |
नवे नवाज शरीफ? |
क्रिस्तोफर जाफ्फ्रेलोट |
150 |
कर्नाटकातील तीन पक्ष आणि अडीच पक्षीय स्पर्धा |
सुहास पळशीकर |
151 |
औषध - किमतीबाबतचे फसवे नवे धोरण |
अनंत फडके |
152 |
स्त्रियांनाच हटवा आता रस्त्यातून ! |
प्रज्ञा दया पवार |
153 |
ऊस, जात आणि दुष्काळाचे राजकीय अर्थकारण |
राजू जाधव |
154 |
भारतातील विमुक्त जाती - भटक्या जमाती आणि राष्ट्रीय समिती |
विनायक लष्कर |
155 |
बाबासाहेबांचे विरोधक - आंबेडकरवादीच ! |
आनंद तेलतुंबडे |
156 |
चित्रव्यूह आणि चलत- चित्रव्यूह' विषयी |
वैशाली सिरसट |
157 |
जातीअंत आणि जातीच्या मानसशास्त्राची शक्यता |
रावसाहेब कसबे |
158 |
जातजाणिवेच्या गुलामीतून मुक्ती |
दीनानाथ मनोहर |
159 |
एकविसाव्या शतकातील समाजवादाचा प्रवर्तक ह्युगो शावेज |
चंद्रकांत केळकर |
160 |
कोरियाच्या द्विपकल्पातील भडकत्या घडामोडी |
रमेशचंद्र पाटकर |
161 |
क्रिकेट नावाचा गोरख धंदा |
शतरूप घोष |
162 |
मुख्य प्रवाहातील माध्यमं असतात तशी का असतात |
नोम चोमस्की |
163 |
मुलांचे हक्क - आजचे वास्तव |
लीला आवटे |
164 |
असा का विकसित झाला 'माणूस'! |
श्रीकांत कांता थाकोरभाई |
165 |
पण, हे जरा गंभीरतेने घेतले पाहीजे |
संजीव चांदोरकर |
166 |
सुशीला पटेकर |
उर्मिला पवार |
167 |
भाषेचे राजकारण आणि भाषाजन्य शोषण - प्रतीक्रीयेची प्रतिक्रिया |
श्रीकांत काळोखें |
168 |
वैज्ञानिक विचारपद्धती, मार्क्सवादी विचारपद्धतीबाबतची चर्चा अगदी नेमकी हवी |
अनंत फडके |
169 |
फुले आंबेडकरी कार्यकर्त्याची वैचारिक फरफट ...? |
विजय निरभवणे |
170 |
जात्यंतक क्रांतीलढ्यातला अब्राहमणी योद्धा |
रवींद्र घोदराज |
171 |
लाल बावटावाले : सत्यशोधक शरद पाटील |
दिनकर साळवे |
172 |
शपा |
श्रावण देवरे |
173 |
शरद पाटील यांचा राजकीय प्रवास (मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पक्ष ते सत्यशोधक कम्युनिस्ट पक्ष) |
कमलेश बेडसे |
174 |
स्त्रीप्रश्नाबाबतचे मौलिक चिंतन |
विद्युत भागवत |
175 |
आंबेडकरवाद व शरद पाटील |
प्रदिप गोखले |
176 |
शरद पाटील यांची मांडणीतील काही दोषस्थळे |
देवेंद्र समाधान इंगळे |
177 |
|
सचिन माळी |
178 |
शरद पाटील यांच्या प्रकाशित-अप्रकाशित मराठी लेखनाची सूची |
कमलेश बेडसे |
179 |
आसाम : स्वतःशी भांडण असलेले राज्य |
सुहास पळशीकर |
180 |
|
अर्थपाल |
181 |
|
संपादक |
182 |
शर्मिला रेगे : अखेरचा जयभीम |
सुप्रिया गायकवाड |
183 |
वैगुण्याचा निर्माता मानू |
मेरी जॉन |
184 |
दुष्काळ निर्मूलनाचे राजकारण |
दत्ता देसाई |
185 |
शिरपूर पैटर्ण : संयमाचे बंधारे आवश्यक |
प्रदीप पुरंदरे |
186 |
शेतात पाणी बघणार,मगच चळवळ थांबणार ! |
संपत मोरे |
187 |
लीबॉर महाघोटाळा |
संजीव चांदोरकर |
188 |
न्यायालयातील अन्याय |
अरुणा बुरटे |
189 |
उर्जा पर्यायांच्या चर्चेसाठी मुक्त वातावरण हवे! |
प्रकाश बुरटे |
190 |
जातींत आणि जातीच्या मानासशात्राची शक्यता (उत्तरार्ध) |
रावसाहेब कसबे |
191 |
राजकोशीय तुटीतील घात-वास्तव काय आहे? |
अर्थपाल |
192 |
सलाम शर्मिला रेगे |
निवेदिता मेनन |
193 |
कल्लोळातला एकांत:काळावरचे भेदक भाष्य |
पी. विट्ठल |
194 |
करूळचा मुलगा |
वृषाली मगदूम |
195 |
भारतातील डावे राजकारण समजुन घेताना |
मयुरी सामंत |
196 |
मुस्लिम समाजाचा अंतरवेध |
नंदिनी चव्हाण |
197 |
भारताच्या स्वातंत्र्यलढ्याबद्दल नवे विवेचन |
अविनाश कोल्हे |
198 |
इस्लामचे ऐतिहासिक योगदान |
अनिल जायभाये |
199 |
इजिप्तमधिल अराजक |
रमेशचंद्र पाटकर |
200 |
पाक्षीतातून तेलंगाना राज्याची निर्मिती |
बालाजी घारुळे |
201 |
तामिळनाडूमधील अस्मितांचा गुंता आणि लोकानुरंजनवादी राजकारण |
सुहास पळशीकर |
202 |
बसवन्नांचा जातीअंताचा विचार व लढा |
राजशेखर सोलापुरे |
203 |
रवींद्रनाथांचे जन गण मन : वस्तुस्थिती आणि विपर्यास |
प्रवीण लोंढे |
204 |
हिंदू |
मनोहर जाधव |
205 |
आंबेडकरी चळवळीच्या आकलनातील कम्युनिस्ट पंथीय कोतेपणा |
मिलिंद भवर |
206 |
भाषेचे राजकारण-एक खुलासा |
बशीर मुजावर |
207 |
|
अर्थपाल |
208 |
|
माधव दातार |
209 |
|
पवन करण |
210 |
|
श्रीकांत काळोखे |
211 |
दाभोळकरांचाही गांधी केला |
आनंद तेलतुंबडे |
212 |
दाभोळकरांच्या हत्येचे दु:ख आहेच पण... |
माधव दातार |
213 |
अपराजित नरेंद्र दाभोळकर |
सचिन माळी |
214 |
|
प्रदीप पुरंदरे |
215 |
विलासरावजी करणी कोणी केली व इतर लेख |
नरेंद्र दाभोळकर |
216 |
अमेरिकेच्या हेरगिरीच्या जाळ्यात अख्खं जग |
रमेशचंद्र पाटकर |
217 |
पोलिसांची गरज काय : लाच की आत्मसन्मान ? |
सुरेश खोपडे |
218 |
ज रा शिंदे : एक समाजशील मार्क्सवादी विचारवंत |
विठ्ठल मोरे |
219 |
रॉय : इंग्रजीच्या काळातील समाजसुधारक |
अविनाश कोल्हे |
220 |
आर्थिक अरिष्टाचा फेरा |
अर्थपाल |
221 |
|
संपादक |
222 |
|
राहुल पुंगलिया |
223 |
|
सचिन माळी |
224 |
बाबुराव बागुल यांची कविता |
संजीवकुमार सोनवणे |
225 |
प्रवीण बांदेकर यांची कविता |
श्रीकांत देशमुख |
226 |
रफिक सुरज यांची कविता |
फक्रुद्दीन बेन्नूर |
227 |
भारताच्या हृदयातील खळबळ : उत्तरप्रदेशचे बहुपदरी गुंत्याचे राजकारण |
सुहास पळशीकर |
228 |
राष्ट्रीय अन्नसुरक्षा विधेयक २०१३ व दारिद्र्य |
भारतकुमार सोलापुरे |
229 |
भारतीय सामंत-सरंजामशाहीची अनन्यता तिच्याशी जातिव्यवस्थेच्या अविभाज्यतेमुळे |
शरद पाटील |
230 |
सिंचनप्रकल्पांचे जनवादी व लोकवैज्ञानिक व्यवस्थापन |
प्रदीप पुरंदरे |
231 |
ठष्ट : अंतर्मुख करणारा अनुभव |
सरिता आव्हाड |
232 |
प्राचीन प्रतिमांचे पाषाणपर्व |
बालाजी चिरडे |
233 |
राजकोषीय तुट आटोक्यात ठेवता येईल? |
अर्थपाल |
234 |
|
अर्थपाल |
235 |
...आणि रस्त्यावरचे पोलीस |
बालिका बिटले |
236 |
बोलो बाबा अलबेला की जय ! |
चेतन कोल्हे |
237 |
जादूटोणाविरोधी कायदा: वाटचाल व वारकर्यांची भूमिका |
हर्शल लवंगारे |
238 |
संतांच्या दुष्कृत्यांची संततधार |
जय मुजुमदार |
239 |
रिलीजन हिताय, रिलीजन सुखाय |
जयदेव डोळे |
240 |
सिरीयाची स्फोटक समस्या |
रमेशचंद्र पाटकर |
241 |
एका बुद्धिवादी शिक्षकाचा एकाकी लढा |
लीला आवटे |
242 |
पंचाईत जातीची आणि जातिअंताची |
वनराज शिंदे |
243 |
जागतिक सांस्कृतिक संघर्ष, धार्मिक अस्मिता आणि धर्मनिरपेक्षता |
संजयकुमार कांबळे |
244 |
भा. ल. भोळे यांचे समीक्षा-लेखन |
नामदेव गपाटे |
245 |
वाद-विवाद परंपरेतील डॉ विनोद रैना |
प्रकाश बुरटे |
246 |
सत ना गत'च्या निमित्ताने |
सुनीती देव |
247 |
अनेकवचनी भूतकाळी |
सुधाकर यादव |
248 |
प्रबोधनाचा विचार |
जयंत लेले |
249 |
शिवचरित्र आणि एक |
धम्मकीर्ती सुमंत |
250 |
शिवचरित्र आणि एक |
सदानंद मोरे |
251 |
गौतमास कुणी मारले ? |
शैला रेड्डी |
252 |
विवेकानंदाचे अपहरण |
प्रलय कानुनगो |
253 |
एक वृक्ष कोसळताना |
दत्ता भगत |
254 |
मानवतावादी विचारवंत आणि इस्लामचा आधुनिकतावादी भाष्यकार |
फक्रुद्दीन बेन्नूर |
255 |
भारतीय स्वातंत्रलढा आणि अग्नेश स्मिदले |
रमेशचंद्र पाटकर |
256 |
धर्मगुरूंच्या झग्यातले सैतान |
मंगला आठलेकर |
257 |
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संपादक |
258 |
द्वंद्व |
दिनानाथ मनोहर |
259 |
तांड्याची बाई |
युवराज पवार |
260 |
मार्केटिंग |
सिद्धार्थ देवधेकर |
261 |
भूकांवादी |
विठ्ठल सोनवणे |
262 |
मलकापूर : लाल माती,माणस आणि भाषा |
अजित मगदूम |
263 |
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विजय चोरमारे |
264 |
शब्द नव्हते या जगात जन्माला आलेले |
मालिका अमर शेख |
265 |
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गणेश विसपुते |
266 |
पदव्या पडल्या लोलाट रुई न कापस |
भारतभूषण तिवारी |
267 |
पशु - पक्षांची आपण क्षमा मागायला हवी |
शरद नवरे |
268 |
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प्रियदर्शन |
269 |
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मनोहर जाधव |
270 |
मुसलमान मूळ |
पवन करण |
271 |
वैशाली -2,कोसळ गणराज्य |
श्रीकांत वर्मा |
272 |
शिलालेख ,ठीब्स, संदर्भ, सोकावलेला |
श्याम रंजनकर |
273 |
बिम्बिसारच्या काश्गृहात , जरादेविच्या मंदिरात , गृध्कुट पर्वतात,पीर माखादुमच्या दर्ग्यात |
राजा शिरगुप्पे |
274 |
ऑल क्लीअर |
किरण येले |
275 |
मार्क झुकेरबर्गच्या नावान चांगभल |
अविनाश गायकवाड |
276 |
शुद्र ब्रह्मदेव |
श्रीरंजन आवटे |
277 |
झाड |
अस्मिता गुरव |
278 |
दावण |
कल्पना दुधाळ |
279 |
सांगायला हव मुलीना |
नीरजा |
280 |
दिवाळी विशेषांक भाग - 2 |
प्रशांत असनारे |
281 |
नैसर्गिक मृत्यूच्या प्रतीक्षेत |
सुहास एकशेंबेकर |
282 |
हातात ए के फोरटीसेवेन घेऊन |
प्रसन्नकुमार पाटील |
283 |
अणुरेणु शोध |
अशोक इंगळे |
284 |
गिरणी बंद झाली त्या दिवशीची गोष्ट |
अजीम नवाज राही |
285 |
रुमान आणल असत तर |
गणेश भाकरे |
286 |
आत्महत्या |
मंदाकिनी पाटील |
287 |
एक कविता फरफटलेली |
मुबारक शेख |
288 |
आधार कार्ड |
वसंत केशव पाटील |
289 |
गर्ह्ण्याच्या दिंड्या |
संदीप जगताप |
290 |
अग्रव |
उषा परब |
291 |
घर का न घाट का |
केशव सखाराम देशमुख |
292 |
एकमेकांच्या जिवावर उठलेले |
अशोक कोतवाल |
293 |
हे शहर हे राज्य |
माही |
294 |
शहर-काही कविता |
प्रदीप आवटे |
295 |
विरामचीन्न्हांचा मृत्यू |
प्रमोदकुमार आणेराव |
296 |
मरी आई |
भारत दौंडकर |
297 |
माणस लिहितच राहतात मृत्युच्या शाईने |
किशोर पाठक |
298 |
बादल |
नारायण लाळे |
299 |
कातडी |
अंजली कुलकर्णी |
300 |
वासनेचा स्वैर वारू |
अनिल धाकू कांबळी |
301 |
त्याची साद |
सत्यशोधक प्रणाली |
302 |
आरसा |
कानसू प्रीतम |
303 |
गोपु |
प्रभात पटनाईक |
304 |
शेवटचा दिस |
उदय नारकर |
305 |
गोपुंचे नाटक |
शांता गोखले |
306 |
समग्रता, इतिहास आणि त्रैलोक्याचा सुभा |
गोविंद पुरुषोत्तम देशपांडे |
307 |
पंजाब : धार्मिक अस्मिता आणि हिंसा यांच्या कचाट्यातील राजकारण |
सुहास पळशीकर |
308 |
वारकऱ्यांचा अव्यापारेषु व्यापार ! |
चंद्रसेन टिळेकर |
309 |
मोदी : दहशतवादी यंत्रणांचा वापर, स्त्रीवादी क्ष-किरण |
छाया दातार |
310 |
दहशतीची सत्ता आणि सत्तेची दहशत |
सारिता कानडे |
311 |
सब-प्राईम क्रायसीस की भांडवलशाहीतील संरचनात्मक प्रश्न |
संजीव चांदोरकर |
312 |
निमित्त : ६ डिसेंबर |
प्रवीण लोंढे |
313 |
|
अर्थपाल |
314 |
मंगळाचे मिशन |
चंद्रसेन टिळेकर |
315 |
शर्यत |
टेकचंद |
316 |
नामदेवासाठी,प्रार्थना |
मालिका अमर शेख |
317 |
नैसर्गिक मृत्यूच्या प्रतीक्षेत |
सुहास एक्संबेकर |
318 |
ओमप्रकाश वाल्मिकी-आदरांजली |
बजरंगबिहारी तिवारी |
319 |
शब्द कधी खोटे बोलत नाहीत |
लोकनाथ यशवंत |
320 |
आई एम रियली सोर्री |
मंगेश बनसोडे |
321 |
दलित साहित्याचे पंडित |
ओमप्रकाश वाल्मिकी |
322 |
हे नेल्सन मंडेला तुम्हाला माहित आहेत? |
दिनानाथ मनोहर |
323 |
कुंठीतावास्तेवरील उपाययोजना:परंपरागत |
संजीव चांदोरकर |
324 |
शाहीद:पक्षपाती समाजव्यवस्थेवर एक सणसणीत चपराक |
मिलिंद भवार |
325 |
|
ओमप्रकाश वाल्मिकी |