| Sr. No | Article Title | Author Name | 
		
	
	| 1 | येणारे वर्ष समृद्धी आणि सुखाचे ठरो | अर्थपाल | 
		
	
	| 2 | गोल्डन राईस | अर्थपाल | 
		
	
	| 3 | शेतकरी हुशार होत आहेत | अर्थपाल | 
		
	
	| 4 | हिंदी चित्रपट : धरलं तर चावतं, सोडलं तर पळतं ! | मेघनाद कुळकर्णी | 
		
	
	| 5 | रामलीला मला असा दिसला ... | विजय कुंजीर | 
		
	
	| 6 | दोन भयस्वप्नाचं भाकित | जेम्स मनर | 
		
	
	| 7 | शेतकरी आंदोलनाची दिशा आणि दशा | संपत मोरे | 
		
	
	| 8 | जात : शेतकरी नेत्याची नि कृषिमंत्र्यांची ! | महावीर अक्कोळे | 
		
	
	| 9 | द्विपक्षीय चौकटीतील हिंदुत्वाची दुसरी प्रयोगशाळा : मध्य प्रदेश | सुहास पळशीकर | 
		
	
	| 10 | कुंठितावस्थेवरील उपाययोजना : किरकोळ कर्जपुरवठा | संजीव चांदोरकर | 
		
	
	| 11 | वाढत्या महागाईचा लाभ कोणाला ? | अर्थपाल | 
		
	
	| 12 | दुधाचा धंदा नवीन वळणावर | अर्थपाल | 
		
	
	| 13 | गवार - गम उद्योग घसरणीला लागला | अर्थपाल | 
		
	
	| 14 | राजकोषीय तूट मर्यादित करणार कशी | अर्थपाल | 
		
	
	| 15 | पण 'पहेले आप' नाहीच ... | राहुल वर्मा / प्रदीप छिब्बर | 
		
	
	| 16 | अन्नसुरक्षा आणि आर्थिक - सांस्कृतिक दृष्टिकोन | श्रीनिवास खांदेवाले | 
		
	
	| 17 | एलबीटी : पारदर्शी करप्रणाली | श्रीकांत कांबळे | 
		
	
	| 18 | कलम ३७७ : सर्वोच्च न्यायालयाचा प्रतिगामी निर्णय | लीला आवटे | 
		
	
	| 19 | दोन महिलांच्या दोन कहाण्या | रुचिरा गुप्ता | 
		
	
	| 20 | अमेरिका - इराण आण्विक करार : बदलाची नांदी की आभास ? | विठ्ठल दहिफळे | 
		
	
	| 21 | पश्चिम बंगाल : अपवादात्मकतेची इतिश्री ? | सुहास पळशीकर | 
		
	
	| 22 | कुंठितावस्थेवरील उपाययोजना : गृहकर्जातून कृत्रिम क्रयशक्ती | संजीव चांदोरकर | 
		
	
	| 23 | दखल | सुनंदा बोराडे | 
		
	
	| 24 |  | शशिकांत हिंगोणेकर | 
		
	
	| 25 | पुरुषस्पंदनं : विचाराला दिशा देणारं नियतकालिक | स्नेहल बनसोडे | 
		
	
	| 26 | ग्रामीण विकासाचे गाडे अडलेय कुठे ? | अर्थपाल | 
		
	
	| 27 | आर्थिक अनुदांचा वाढता भार | अर्थपाल | 
		
	
	| 28 | शेंगदाणा उत्पादक भरडले जात आहेत | अर्थपाल | 
		
	
	| 29 | पशुपालन व्यवसायापुढील मूळ समस्या | अर्थपाल | 
		
	
	| 30 | भारतीय चित्रकला - आरंभ | सुधाकर यादव | 
		
	
	| 31 | परंपरा आणि वारसा | सुधाकर यादव | 
		
	
	| 32 | हिंदुत्वाची मुख्य भूमी | सुधा पै | 
		
	
	| 33 | घेट्टोज तयार होतात ते असे | राखी चक्रवर्ती | 
		
	
	| 34 | मराठा आरक्षण - काही मुद्दे | निर्भय जाधव | 
		
	
	| 35 | ओझर पाणी वापर संस्था | रमेश पाध्ये / अमित नारकर | 
		
	
	| 36 | भांडवलशाहीचे वित्तीयकरण | संजीव चांदोरकर | 
		
	
	| 37 | नामदेवसाठी | अरुणचंद्र गवळी | 
		
	
	| 38 | सुरुंग' आणि 'ब्रोकन मेन' विसावला | इसादास भडके | 
		
	
	| 39 | दुखऱ्या वाटेचा वाटेकरी | महेंद्र भवरे | 
		
	
	| 40 | वाटचाल राजकोषीय कडेलोटाकडे | अर्थपाल | 
		
	
	| 41 | पाणी आटत चालले आहे | अर्थपाल | 
		
	
	| 42 | कामगार कायद्यात सुधारणा करण्याची मागणी | अर्थपाल | 
		
	
	| 43 | बासमती तांदळाचे नवे वाण बाजारात आले | अर्थपाल | 
		
	
	| 44 | जनमत चाचण्यांचा पोलखोल | कृष्णन कौशिक | 
		
	
	| 45 | कामाच्या ठिकाणी होणारा लैंगिक छळ : काही निरीक्षणे | संगीता ठोसर / राजू जाधव | 
		
	
	| 46 | पथरीबल प्रकरण : न्यायाचेच दफन | सुकुमार शिदोरे | 
		
	
	| 47 | हिंसेत गोठलेले राजकारण : जम्मू आणि काश्मीर | सुहास पळशीकर | 
		
	
	| 48 | एक महाकाय कॅसिनो : अर्थात सट्टेबाजीचा कहर ! | संजीव चांदोरकर | 
		
	
	| 49 | बजेट, फजेट आणि पी. चिदंबरम | अर्थपाल | 
		
	
	| 50 | अंतरिम बजेटमध्ये काय दिसले ? | अर्थपाल | 
		
	
	| 51 | रुची सोया या कंपनीचा अभिनव उपक्रम | अर्थपाल | 
		
	
	| 52 | नव्या कृषीमंत्र्यांपुढील आव्हाने | अर्थपाल | 
		
	
	| 53 | हंगामी अर्थसंकल्प - २०१४ | अनुप्रिता घाटपांडे | 
		
	
	| 54 | गेल्या दशकातील आर्थिक घडामोडी | अनुप्रिता घाटपांडे | 
		
	
	| 55 | हंगामी अर्थसंकल्प : संकल्प कसला कबुलीजबाब ... | अमित नारकर | 
		
	
	| 56 | मागासलेपणात अडकलेले राज्य : ओडिशा | सुहास पळशीकर | 
		
	
	| 57 | मत्तांच्या किमतींचे फुगे फुगवणे : सट्टेबाजांचा जीवघेणा खेळ (लेखांक ७) | संजीव चांदोरकर | 
		
	
	| 58 | दलितांच्या अमिरीकन स्पंदनावर वरवंटा | मिलिंद कीर्ती | 
		
	
	| 59 | रवींद्रनाथ टागोर | सुधाकर यादव | 
		
	
	| 60 | एक सभ्यतेची भारलेली विचारप्रणाली | राजीव कालेलकर | 
		
	
	| 61 | मांडवातला फोटो | विजय चोरमारे | 
		
	
	| 62 | देशीवाद : 'बहुवचनी भविष्यकाळा'चे काय ? | दत्ता देसाई | 
		
	
	| 63 | महिला सक्षमीकरण | अनुप्रिता घाटपांडे | 
		
	
	| 64 | मुस्लीमद्वेष मोहीम : वस्तुस्थितीच्या शोधात | सो. म. दहिवले | 
		
	
	| 65 | केरळ : दोन आघाड्यामधला लपलेले राजकीय विस्कळीतपणा | सुहास पळशीकर | 
		
	
	| 66 | भांडवली अर्थतज्ज्ञांच्या कारणमीमांसेतील तोकडेपणा (लेखांक ८) | संजीव चांदोरकर | 
		
	
	| 67 | बेगाने शादी में अब्द्दुल्ला दिवाना ! | मिलिंद कीर्ती | 
		
	
	| 68 | म' मूव्हमेंटचा ! | आलोक ओक | 
		
	
	| 69 | पुन्हा एकदा 'कोसला' | विश्वाधार देशमुख | 
		
	
	| 70 | फंड्री' च्या निमित्ताने | इनायत परदेशी | 
		
	
	| 71 | देशीवाद : 'बहुवचनी भविष्यकाळा'चे काय ? (उत्तरार्ध) | दत्ता देसाई | 
		
	
	| 72 | रुपयाची थोडी घसरण होणे गरजेचे | अर्थपाल | 
		
	
	| 73 | भाजीपाल्याच्या किमतींची किमया | अर्थपाल | 
		
	
	| 74 | सूक्ष्म सिंचन तंत्र आणि पाणलोट विकास कार्यक्रमाची गरज | अर्थपाल | 
		
	
	| 75 | आंबा उत्पादक आर्थिक अडचणीत | अर्थपाल | 
		
	
	| 76 | विकासाचे गुजराती प्रतिमान - जातवादी भिंगातून सामाजिक अभियांत्रिकी | शैलेश जोशी | 
		
	
	| 77 | मुस्लीमद्वेष मोहीम : वस्तुस्थितीच्या शोधात | सो. म. दहिवले | 
		
	
	| 78 | काळा पैसा | अनुप्रिता घाटपांडे | 
		
	
	| 79 | अरविंद केजरीवाल आणि आपसांतील हितसंबंधी भांडवलशाही | श्रीनिवास खांदेवाले | 
		
	
	| 80 | भारतीय विद्वत्तेच्या हिमयुगाची सुरुवात | लीला आवटे | 
		
	
	| 81 | सेंद्रिय शेती | रमेश पाध्ये | 
		
	
	| 82 | नवउदारमतवादाचा तारणहारदेखील शासनच ! (लेखांक ९) | संजीव चांदोरकर | 
		
	
	| 83 | महर्षी वि. रा. शिंदे यांच्या व्यक्तिमत्त्वाचा एक हृद्यविशेष | रणधीर शिंदे | 
		
	
	| 84 | रामकिंकर बैज | सुधाकर यादव | 
		
	
	| 85 | प्रतिसाद | अजित मगदूम | 
		
	
	| 86 | वाढत्या विषमतेला वेळीच आळा घालणे गरजेचे | अर्थपाल | 
		
	
	| 87 | भरतीय रेल्वे सुधारणांच्या प्रतीक्षेत | अर्थपाल | 
		
	
	| 88 | अन्न सुरक्षेच्या संदर्भात प्रश्नचिन्ह | अर्थपाल | 
		
	
	| 89 | मोदी नेतृत्त्वाचा पंचनामा (पूर्वार्ध) | विनोद जोस | 
		
	
	| 90 | मोदी नेतृत्त्वाचा पंचनामा (पूर्वार्ध) | नेहा महाजन | 
		
	
	| 91 | दलित स्त्रियांच्या जीवनातील अत्याचाराची व्यापकता | संजयकुमार कांबळे | 
		
	
	| 92 | महाराष्ट्रातील मुली : एक मुक्त चिंतन | विद्युत भागवत | 
		
	
	| 93 | डाव्या विचारांतील अपुरेपणा (लेखांक १०) | संजीव चांदोरकर | 
		
	
	| 94 | आधुनिकतावाद आणि नेमाडे | वंदना भागवत | 
		
	
	| 95 | अमृता शेर - गील | सुधाकर यादव | 
		
	
	| 96 | द पोट्रेट ऑफ खुशवंत सिंह | ध्रुवलक्ष्मी पैठणकर | 
		
	
	| 97 | फंड्री' च्या निमित्ताने | भीमराव बनसोड | 
		
	
	| 98 | फंड्री' च्या निमित्ताने | अनिल हिवाळे | 
		
	
	| 99 | फंड्री' च्या निमित्ताने | संजय करंदीकर | 
		
	
	| 100 | मोदी नेतृत्त्वाचा पंचनामा | विनोद जोस | 
		
	
	| 101 | इंडिया फर्स्ट'चे गौडबंगाल | चंद्रहास चौधरी | 
		
	
	| 102 | शक्ती मिल  बलात्कार निवाडा - न्यायाचा ? | लीला आवटे | 
		
	
	| 103 | उच्चशिक्षणातील अंतर्विरोध | संजयकुमार कांबळे | 
		
	
	| 104 | कॉ. शरद् पाटील यांचे योगदान | रणजित परदेशी | 
		
	
	| 105 | वित्तीय अरिष्टे अमेरिकेत : भारतातील गरीबांनी दखल का घ्यावी? | संजीव चांदोरकर | 
		
	
	| 106 | खतरनाक लाट | आर. उमामाहेश्वरी | 
		
	
	| 107 | मोदी : भारताचे रेगन नव्हे तर निक्सन! | रॉब जेन्किन्स | 
		
	
	| 108 | रूल ऑफ 'कास्ट-लॉ' | देवेंद्र इंगळे | 
		
	
	| 109 | कांता रणदिवे : एकात्मिक सैद्धांतिक चौकटीचा शोध | माधव दातार | 
		
	
	| 110 | मार्क्सवादाकडून शास्त्रीय समाजवादी सिद्धांतनाकडे | अनंत फडके | 
		
	
	| 111 | तुकारामाच्या अस्तित्वाचा सांस्कृतिक प्रश्न | जी. के. ऐनापुरे | 
		
	
	| 112 | वित्त भांडवलाचा गरिबांना विळखा | संजीव चांदोरकर | 
		
	
	| 113 | स्वकर्तुत्वाचा शोध घेणारं आत्मकथन : सांगायची गोष्ट म्हणजे ... | आशालता कांबळे | 
		
	
	| 114 | सामाजिक विकासाच्या चळवळीची नवीन मांडणी | अशोक पळवेकर | 
		
	
	| 115 | मकबूल फिदा हुसेन | सुधाकर यादव | 
		
	
	| 116 | मर्यादित माणसाला मिळाला अमर्यादित कौल | हरीश खरे | 
		
	
	| 117 | उजवीकडचं वळण | भालचंद्र कानगो | 
		
	
	| 118 | मोदींच्या विजयाच्या निमित्ताने ... | फकरुद्दीन बेन्नूर | 
		
	
	| 119 | मोदी सरकारची निर्मिती | विजय कुंजीर | 
		
	
	| 120 | आदम अजमेरीच्या विजयाचा अर्थ | सुभाष गाताडे | 
		
	
	| 121 | राष्ट्रवादी कॉंग्रेस पक्षाने आता वास्तव स्वीकारावे! | गोरक्षा डेरे | 
		
	
	| 122 | जागतिकीकरण आणि मराठी कविता | वसंत पाटणकर | 
		
	
	| 123 | एका अवलिया शारासोबत अखेरची मुलाखत | आनंद विंगकर | 
		
	
	| 124 |  | सतीश सोळांकूरकर | 
		
	
	| 125 | विस्तारायला मोकळ्या चर्चांचे प्रांगण | कुमार शिराळकर | 
		
	
	| 126 | फंड्री'च्या निमित्ताने | इनायत परदेशी | 
		
	
	| 127 | बस्स, आता पुरे! | आनंद तेलतुंबडे | 
		
	
	| 128 | अकरा टक्क्यांचा खेळ! | निर्मलांग्शु  मुखर्जी | 
		
	
	| 129 | चर्चा नव्हे, नव्या संधी शोधणारा शिष्टाचार | विठ्ठल दहिफळे | 
		
	
	| 130 | ३७० कलमाभोवतालचे राजकारण | लीला आवटे | 
		
	
	| 131 | गुजरात मॉडेलची दुसरी बाजू : ग्रामीण अस्पृश्यतेची पाहणी | अनुपमा कटकम | 
		
	
	| 132 | सक्तीचा अर्थसंकल्प | अनुप्रिता घाटपांडे | 
		
	
	| 133 | शेतकरी आंदोलनाची फलश्रुती | रमेश पाध्ये | 
		
	
	| 134 | वित्त भांडवलावरची आपली टीका : कालातीत खरी पण तोकडीदेखील | संजीव चांदोरकर | 
		
	
	| 135 |  | अभय कांता | 
		
	
	| 136 | वासुदेव गायतोंडे | सुधाकर यादव | 
		
	
	| 137 | शहजिंदेंची 'झोंबणी' | युसुफ बेन्नूर | 
		
	
	| 138 | जातीय-वर्गीय हुकुमशाहीचा उदय : डाव्यांच्या धोरणात! | श्रावण देवरे | 
		
	
	| 139 | कोरेगावचे उन्मादकांड | विजय मांडके,मिनाज सय्यद | 
		
	
	| 140 | पाणी अडवा,पाणी साठवा | सुप्रिया शर्मा | 
		
	
	| 141 | भारत पाक संबंध पुढे काय ? | सुकुमार शिदोरे | 
		
	
	| 142 | राष्ट्रवादीचे मिथक | शेखर देशमुख | 
		
	
	| 143 | जात्यंताचा मार्ग कोणता ? | राजू घोगरे | 
		
	
	| 144 | गरीब विरुध्द वित्त भांडवल: गरिबांना साथ देताच लढा शक्य | संजीव चांदोरकर | 
		
	
	| 145 | निवडणुका : माध्यमे,पत्रकार आणि श्रीमंत भारतीय | आनंद करंदीकर | 
		
	
	| 146 | पराभूत मनोवृत्तीचे लेखक | मनोहर जाधव | 
		
	
	| 147 | भूमी सावरण्याची गोष्ट | किशोर सानप | 
		
	
	| 148 | तटस्थ दृष्टीकोनाची गरज | मिनू जैन | 
		
	
	| 149 | दलितांवरील अत्याचार आणि जात-सामंती हिंसेचा ताळेबंद | देवेंद्र इंगळे | 
		
	
	| 150 | कश्मीर पेचप्रसंग : नवी दिशा | समीर अहमद | 
		
	
	| 151 | ही स्मशानशांतता कशासाठी ? | बी.जी.कोळसे-पाटील | 
		
	
	| 152 | बालात्काराविरोधी संघर्षातील वारंवारिता अटळ | अरुणा बुरटे | 
		
	
	| 153 | तीर्थक्षेत्रांचे राजकारण | सुभाष गाताडे | 
		
	
	| 154 | भारतीय मध्यमवर्गीय हा उच्चजातीयच ! | विजय कुंजीर | 
		
	
	| 155 | शेतकरी आंदोलनाची फलश्रुती (उत्तरार्ध) | रमेश पाध्ये | 
		
	
	| 156 | भारतात माध्यमांचे भविष्य काय ? | परंजोय गुहा - ठाकूरता | 
		
	
	| 157 | ना मालकीचा विचार, ना भविष्याचा ! | वनिता कोहली - खांडेकर | 
		
	
	| 158 |  | विजय चोरमारे | 
		
	
	| 159 | के. जी. सुब्रमण्यन | सुधाकर यादव | 
		
	
	| 160 | कविता माणूसपणाच्या शोधाची | वीणा सानेकर | 
		
	
	| 161 | वर्गीय आणि बिनवर्गीय पिळवणूक | अनंत फडके | 
		
	
	| 162 | मोदी सरकारच्या ५ कोलांट्याउड्या | रोहन व्यंकटरामकृष्णन | 
		
	
	| 163 | मोदी सरकारच्या ५ कोलांट्याउड्या | नेहा महाजन | 
		
	
	| 164 | अर्थसंकल्प : मागील पानावरून पुढे | अनुप्रिता घाटपांडे | 
		
	
	| 165 | मुस्लीम-मराठा आरक्षणाची खेळी | श्रावण देवरे | 
		
	
	| 166 | प्रभावी व परिणामकारक पोलीस दलासाठी नरबळी ? | सुरेश खोपडे | 
		
	
	| 167 | गुप्तचर विभागाच्या अहवालाच्या निमित्ताने | रेश्मा जठार | 
		
	
	| 168 | गरीब आणि मध्यमवर्ग | तपोश चक्रवर्ती | 
		
	
	| 169 | बदलणारं गाव | संपत मोरे | 
		
	
	| 170 | भारतीय विचारप्रणालीचा इतिहास रचताना ... | जयंत लेले | 
		
	
	| 171 | पाणी आणि दलित स्त्रिया | निरुपम हाजा | 
		
	
	| 172 | पाणी आणि दलित स्त्रिया | दीपक बोरगावे | 
		
	
	| 173 | भूमिकांचे पुनर्मूल्यानांकन आवश्यक | दिपीप चव्हाण | 
		
	
	| 174 | कवी आणि कविता | यशवंत मनोहर | 
		
	
	| 175 |  | केदारनाथ सिंह | 
		
	
	| 176 |  | वसंत केशव पाटील | 
		
	
	| 177 |  | राजश्री देशपांडे | 
		
	
	| 178 | दहशतवाद आणि आंतरराष्ट्रीय राजकारण | माधव दातार | 
		
	
	| 179 | भारताच्या प्रगतीचा आराखडा असा हवा ! | कांती बाजपाई | 
		
	
	| 180 | जमीन आणि जमातवादी राजकारण | धीरेंद्र के. झा | 
		
	
	| 181 | इराक, सीरिया आणि 'इसीस' | रमेशचंद्र पाटकर | 
		
	
	| 182 | रडवणारा कांदा | श्रीकांत संबरानी | 
		
	
	| 183 | बोलक्या बातम्या | सुकुमार शिदोरे | 
		
	
	| 184 | भारतीय विचारप्रणालीचा इतिहास रचताना ...२ | जयंत लेले | 
		
	
	| 185 | संपादकांचे स्वातंत्र्य, माध्यमे आणि लोकशाही | अरुण खोरे | 
		
	
	| 186 | खरे स्वशासन कसे येईल ? | मिलिंद बोकील | 
		
	
	| 187 | हिजडे : माणूसपणाची ओळख ते हक्कसंरक्षण | सुरेश खोले | 
		
	
	| 188 | पहिल्या महायुद्धाची शंभरी | विजय कुंजीर | 
		
	
	| 189 | तय्यब मेहता | सुधाकर यादव | 
		
	
	| 190 | मानव विकास निर्देशांक | मनोज पांडकर | 
		
	
	| 191 | मानव विकास अहवाला'त भारत | देवेंद्र इंगळे | 
		
	
	| 192 | स्त्री-पुरुष समता मापक निर्देशांक | आनंद करंदीकर | 
		
	
	| 193 | अरब-पॅलेस्टाईन संघर्षाचा प्रवास | विजय कुंजीर | 
		
	
	| 194 | इराक संघर्ष आणि भारत | विठ्ठल दहिफळे | 
		
	
	| 195 | उच्चशिक्षण : जंतुनाशक फवारणीची गरज | प्रताप भानू मेहता | 
		
	
	| 196 | झाकोळल्या दिशा | भूषण देशमुख | 
		
	
	| 197 | स्त्रिया खोटे बोलतात ? | अनुभा सिंग | 
		
	
	| 198 | स्त्रिया खोटे बोलतात ? | सुरभी शुक्ला | 
		
	
	| 199 | स्त्रिया खोटे बोलतात ? | लीला आवटे | 
		
	
	| 200 | भारतीय विचारप्रणालीचा इतिहास रचताना ...३ | जयंत लेले | 
		
	
	| 201 | गणिताची आवड निर्माण करणारं पुस्तक | लता इंगळे | 
		
	
	| 202 | धान्याचे उत्पादन : भारत आणि चीन यांची तुलना | अर्थपाल | 
		
	
	| 203 | हिमाचल प्रदेशाच्या विकासाला गती मिळणार | अर्थपाल | 
		
	
	| 204 | मोदी सरकारपुढील आव्हाने | अर्थपाल | 
		
	
	| 205 | महागाई वाढते आहे पण... | अर्थपाल | 
		
	
	| 206 | भारत आणि जागतिक व्यापार संघटन | श्रीनिवास खांदेवाले | 
		
	
	| 207 | वैदिक गणित | सी. के.  राजू | 
		
	
	| 208 | वैदिक गणित | नेहा महाजन | 
		
	
	| 209 | ...अन निव्वळ फसवणूक | हरतोष सिंग बाल | 
		
	
	| 210 | ...अन निव्वळ फसवणूक | नेहा महाजन | 
		
	
	| 211 | अंधश्रद्धा निर्मूलनाचे भावनिक तरंग | संदीप जावळे | 
		
	
	| 212 | बोलक्या बातम्या | सुकुमार शिदोरे | 
		
	
	| 213 | राष्ट्रीय अभ्यासक्रम आराखडा २००५ - चर्चेचे वृत्तांकन | विनया मा. ह | 
		
	
	| 214 | राष्ट्रीय अभ्यासक्रम आराखडा २००५ - चर्चेचे वृत्तांकन | अपर्णा दीक्षित | 
		
	
	| 215 | राष्ट्रीय अभ्यासक्रम आराखडा २००५ - चर्चेचे वृत्तांकन | संपादक | 
		
	
	| 216 | भारतीय विचारप्रणालीचा इतिहास रचताना ...४ | जयंत लेले | 
		
	
	| 217 | सावित्रीबाई फुले पुणे विद्यापीठ नामकरण : एक प्रेरणास्त्रोत | विजय भगत | 
		
	
	| 218 | हिंदू : जगण्याची एक जगण्याची रीत | अलका नाथेकर | 
		
	
	| 219 |  | राहुल पुंगलीया | 
		
	
	| 220 | हिजडे : माणूसपणाची ओळख ते हक्कसंरक्षण | इनायत परदेशी | 
		
	
	| 221 | बाजपाईंचा मनमोहनी सल्ला | दत्ता देसाई | 
		
	
	| 222 | मर्दानी : एक लिंगभावात्मक विश्लेषण ! | प्रबुद्ध मस्के | 
		
	
	| 223 | जे. स्वामिनाथन | सुधाकर यादव | 
		
	
	| 224 | साखर उद्योगापुढील आर्थिक संकट वाढले | अर्थपाल | 
		
	
	| 225 | रघुराम राजन सरकारच्या धोरणावर टीका करू लागले | अर्थपाल | 
		
	
	| 226 | बुलेट ट्रेनचे आगमन होणार काय ? | अर्थपाल | 
		
	
	| 227 | दुधाची भाववाढ रोखण्याचा मार्ग | अर्थपाल | 
		
	
	| 228 | भारतीय राज्यव्यवस्थेवरील मूल्यात्मक संक्रमण व मोदींचा विजय | बी. युवराज | 
		
	
	| 229 | दलित राजकारणातील उजवे वळण | अजय गुडावर्थी | 
		
	
	| 230 | देवराष्ट्र | संपत मोरे | 
		
	
	| 231 | वर्ग, जात आणि ब्राह्मणवाद : शरद पाटील यांचे योगदान कोणते ? | रणजीत परदेशी | 
		
	
	| 232 | अ ट्रिब्यूट टू प्रो. बिपन चंद्रा थ्रू हिज रायटिंग्ज | दिलीप कदम | 
		
	
	| 233 | अण्णा भाऊ साठे : दलित साहित्याच्या मूल्यात्मक अधिष्ठानाचे वाटेकरी | अजित मगदूम | 
		
	
	| 234 | कर्मवीर भाऊराव पाटील : युवा पिढीची प्रकाशवाट | दीपक बोरगावे | 
		
	
	| 235 | ए. के. रामानुजन यांच्या दहा कविता | ए. के. रामानुजन | 
		
	
	| 236 | ए. के. रामानुजन यांच्या दहा कविता | दीपक बोरगावे | 
		
	
	| 237 | इंदिरा संतांच्या कवितेतील भावांदोल | सीमा चवरे | 
		
	
	| 238 | बाबरी ते कणेरी | सुकुमार शिदोरे | 
		
	
	| 239 | शिक्षणक्षेत्रातील पर्यायी सांस्कृतिक राजकारणाचा दृष्टिकोन | प्रियदर्शन भवरे | 
		
	
	| 240 | चित्रकार अमृता शेर-गील | माधव इमारते | 
		
	
	| 241 | जवखेडे हत्याकांड : प्राथमिक सत्यशोधन अहवाल | सुबोध मोरे | 
		
	
	| 242 | भय इथले संपत नाही ... | कुणाल शिरसाठे | 
		
	
	| 243 | भय इथले संपत नाही ... | हर्षल लोहोकरे | 
		
	
	| 244 | दलितांवरील अन्याय - अत्याचार कसे थांबतील ? | रमेशभाई खंडागळे | 
		
	
	| 245 | मराठा राजकारणाचा लोप ? | सुहास पळशीकर | 
		
	
	| 246 | उत्तर महाराष्ट्राचा निकाल | संदीप नेरकर | 
		
	
	| 247 | विदर्भाचा निकाल | राहुल बागवे | 
		
	
	| 248 | विदर्भाचा निकाल | भास्कर वघाळे | 
		
	
	| 249 | मध्य महाराष्ट्राचा निकाल | किशोर रक्ताटे | 
		
	
	| 250 | दक्षिण महाराष्ट्राचा निकाल | संपत मोरे | 
		
	
	| 251 | महिलांच्या राजकीय भागीदारीचा यक्षप्रश्न | वैशाली पवार | 
		
	
	| 252 | महिला प्रतिनिधित्वाचे वास्तव रूप | सुप्रिया गायकवाड | 
		
	
	| 253 | AIMIM चा प्रवेश आणि धर्मनिरपेक्षतेची वासलात | शुजा शाकीर | 
		
	
	| 254 | AIMIM चा प्रवेश आणि धर्मनिरपेक्षतेची वासलात | गणेश मेरगू | 
		
	
	| 255 | भूपेन खक्कर | सुधाकर यादव | 
		
	
	| 256 |  | अर्थपाल | 
		
	
	| 257 | खाद्यान्नाच्या किमतीत घसरण सुरु | अर्थपाल | 
		
	
	| 258 | कडधान्ये आणि डाळी महाग झाल्या | अर्थपाल | 
		
	
	| 259 | निवारा कसा उपलब्ध होणार ? | अलका धुपकर | 
		
	
	| 260 | मागासवर्गीयांची मुलं अनाथ ? | विवेक घोटाळे | 
		
	
	| 261 | भाजपाचा विस्तार अन आव्हान | नितीन बिरमल | 
		
	
	| 262 | शहरी वर्चस्वाचे राजकारण | प्रकाश पवार | 
		
	
	| 263 | विधानसभा निवडणूक आणि आरक्षणाचा प्रश्न | अमर हबीब | 
		
	
	| 264 | निवडणुकीतील वाढत्या अप्रवृत्ती अन निवडणूक सुधारणा | उमाकांत जाधव' | 
		
	
	| 265 | मराठवाडा : सत्तांतरात योगदान | विवेक घोटाळे | 
		
	
	| 266 | आदिवासी राखीव मतदारसंघातील राजकारण : कॉंग्रेसकडून भाजपकडे वाटचाल | पांडुरंग भोई | 
		
	
	| 267 | राखीव मतदारसंघाचे राजकारण : फलटण मतदारसंघाचा अभ्यास | सोमीनाथ घोळवे | 
		
	
	| 268 | भारिप (बमसं) समोर विकास आणि विस्ताराचे आव्हान | भारत पाटील | 
		
	
	| 269 | काही वैशिष्यपूर्ण नोंदी | मयांक शर्मा | 
		
	
	| 270 | मुस्लिमांचे राजकीय प्रतिनिधित्व का खालावतेय ? | अरुणचंद्र गवळी | 
		
	
	| 271 | राष्ट्रीय अभ्यासक्रम आराखडा : संकल्पना आणि व्यवहार | विनया मालती हरी | 
		
	
	| 272 | राष्ट्रीय अभ्यासक्रम आराखडा : संकल्पना आणि व्यवहार | अभय कांता | 
		
	
	| 273 | आमूलाग्र बदल | प्रकाश बुरटे | 
		
	
	| 274 | बालचमूचे शिक्षण : विकासाचा पाया | मालविका झा | 
		
	
	| 275 | आरोग्य शिकूया ... निरोगी राहून | मेधा काळे | 
		
	
	| 276 | शांततेसाठी शिक्षण ... | नेहा महाजन | 
		
	
	| 277 | शिक्षण मुस्लीम मुलांचे | विनया मालती हरी | 
		
	
	| 278 | इतिहास' शिकवताना... | अविजीत पाठक | 
		
	
	| 279 | प्रश्न भाषेचा | अविनाश पांडे | 
		
	
	| 280 | चौकटीच्या आत-बाहेर काम करताना | प्रतिभा भराडे | 
		
	
	| 281 | सुरवंटापासून फुलपाखरू ! | विभा साबळे | 
		
	
	| 282 | कार्य आणि शिक्षण-एक पाऊल पुढे आणि दोन मागे | योगेश कुलकर्णी | 
		
	
	| 283 | राष्ट्रीय अभ्यासक्रम आराखडा : संकल्पना आणि व्यवहार | अश्विनी घोटाळे | 
		
	
	| 284 | कविता | जगदीश खेबुडकर | 
		
	
	| 285 | अनिष कपूर | सुधाकर यादव |