Sr. No | Article Title | Author Name |
1 |
येणारे वर्ष समृद्धी आणि सुखाचे ठरो |
अर्थपाल |
2 |
गोल्डन राईस |
अर्थपाल |
3 |
शेतकरी हुशार होत आहेत |
अर्थपाल |
4 |
हिंदी चित्रपट : धरलं तर चावतं, सोडलं तर पळतं ! |
मेघनाद कुळकर्णी |
5 |
रामलीला मला असा दिसला ... |
विजय कुंजीर |
6 |
दोन भयस्वप्नाचं भाकित |
जेम्स मनर |
7 |
शेतकरी आंदोलनाची दिशा आणि दशा |
संपत मोरे |
8 |
जात : शेतकरी नेत्याची नि कृषिमंत्र्यांची ! |
महावीर अक्कोळे |
9 |
द्विपक्षीय चौकटीतील हिंदुत्वाची दुसरी प्रयोगशाळा : मध्य प्रदेश |
सुहास पळशीकर |
10 |
कुंठितावस्थेवरील उपाययोजना : किरकोळ कर्जपुरवठा |
संजीव चांदोरकर |
11 |
वाढत्या महागाईचा लाभ कोणाला ? |
अर्थपाल |
12 |
दुधाचा धंदा नवीन वळणावर |
अर्थपाल |
13 |
गवार - गम उद्योग घसरणीला लागला |
अर्थपाल |
14 |
राजकोषीय तूट मर्यादित करणार कशी |
अर्थपाल |
15 |
पण 'पहेले आप' नाहीच ... |
राहुल वर्मा / प्रदीप छिब्बर |
16 |
अन्नसुरक्षा आणि आर्थिक - सांस्कृतिक दृष्टिकोन |
श्रीनिवास खांदेवाले |
17 |
एलबीटी : पारदर्शी करप्रणाली |
श्रीकांत कांबळे |
18 |
कलम ३७७ : सर्वोच्च न्यायालयाचा प्रतिगामी निर्णय |
लीला आवटे |
19 |
दोन महिलांच्या दोन कहाण्या |
रुचिरा गुप्ता |
20 |
अमेरिका - इराण आण्विक करार : बदलाची नांदी की आभास ? |
विठ्ठल दहिफळे |
21 |
पश्चिम बंगाल : अपवादात्मकतेची इतिश्री ? |
सुहास पळशीकर |
22 |
कुंठितावस्थेवरील उपाययोजना : गृहकर्जातून कृत्रिम क्रयशक्ती |
संजीव चांदोरकर |
23 |
दखल |
सुनंदा बोराडे |
24 |
|
शशिकांत हिंगोणेकर |
25 |
पुरुषस्पंदनं : विचाराला दिशा देणारं नियतकालिक |
स्नेहल बनसोडे |
26 |
ग्रामीण विकासाचे गाडे अडलेय कुठे ? |
अर्थपाल |
27 |
आर्थिक अनुदांचा वाढता भार |
अर्थपाल |
28 |
शेंगदाणा उत्पादक भरडले जात आहेत |
अर्थपाल |
29 |
पशुपालन व्यवसायापुढील मूळ समस्या |
अर्थपाल |
30 |
भारतीय चित्रकला - आरंभ |
सुधाकर यादव |
31 |
परंपरा आणि वारसा |
सुधाकर यादव |
32 |
हिंदुत्वाची मुख्य भूमी |
सुधा पै |
33 |
घेट्टोज तयार होतात ते असे |
राखी चक्रवर्ती |
34 |
मराठा आरक्षण - काही मुद्दे |
निर्भय जाधव |
35 |
ओझर पाणी वापर संस्था |
रमेश पाध्ये / अमित नारकर |
36 |
भांडवलशाहीचे वित्तीयकरण |
संजीव चांदोरकर |
37 |
नामदेवसाठी |
अरुणचंद्र गवळी |
38 |
सुरुंग' आणि 'ब्रोकन मेन' विसावला |
इसादास भडके |
39 |
दुखऱ्या वाटेचा वाटेकरी |
महेंद्र भवरे |
40 |
वाटचाल राजकोषीय कडेलोटाकडे |
अर्थपाल |
41 |
पाणी आटत चालले आहे |
अर्थपाल |
42 |
कामगार कायद्यात सुधारणा करण्याची मागणी |
अर्थपाल |
43 |
बासमती तांदळाचे नवे वाण बाजारात आले |
अर्थपाल |
44 |
जनमत चाचण्यांचा पोलखोल |
कृष्णन कौशिक |
45 |
कामाच्या ठिकाणी होणारा लैंगिक छळ : काही निरीक्षणे |
संगीता ठोसर / राजू जाधव |
46 |
पथरीबल प्रकरण : न्यायाचेच दफन |
सुकुमार शिदोरे |
47 |
हिंसेत गोठलेले राजकारण : जम्मू आणि काश्मीर |
सुहास पळशीकर |
48 |
एक महाकाय कॅसिनो : अर्थात सट्टेबाजीचा कहर ! |
संजीव चांदोरकर |
49 |
बजेट, फजेट आणि पी. चिदंबरम |
अर्थपाल |
50 |
अंतरिम बजेटमध्ये काय दिसले ? |
अर्थपाल |
51 |
रुची सोया या कंपनीचा अभिनव उपक्रम |
अर्थपाल |
52 |
नव्या कृषीमंत्र्यांपुढील आव्हाने |
अर्थपाल |
53 |
हंगामी अर्थसंकल्प - २०१४ |
अनुप्रिता घाटपांडे |
54 |
गेल्या दशकातील आर्थिक घडामोडी |
अनुप्रिता घाटपांडे |
55 |
हंगामी अर्थसंकल्प : संकल्प कसला कबुलीजबाब ... |
अमित नारकर |
56 |
मागासलेपणात अडकलेले राज्य : ओडिशा |
सुहास पळशीकर |
57 |
मत्तांच्या किमतींचे फुगे फुगवणे : सट्टेबाजांचा जीवघेणा खेळ (लेखांक ७) |
संजीव चांदोरकर |
58 |
दलितांच्या अमिरीकन स्पंदनावर वरवंटा |
मिलिंद कीर्ती |
59 |
रवींद्रनाथ टागोर |
सुधाकर यादव |
60 |
एक सभ्यतेची भारलेली विचारप्रणाली |
राजीव कालेलकर |
61 |
मांडवातला फोटो |
विजय चोरमारे |
62 |
देशीवाद : 'बहुवचनी भविष्यकाळा'चे काय ? |
दत्ता देसाई |
63 |
महिला सक्षमीकरण |
अनुप्रिता घाटपांडे |
64 |
मुस्लीमद्वेष मोहीम : वस्तुस्थितीच्या शोधात |
सो. म. दहिवले |
65 |
केरळ : दोन आघाड्यामधला लपलेले राजकीय विस्कळीतपणा |
सुहास पळशीकर |
66 |
भांडवली अर्थतज्ज्ञांच्या कारणमीमांसेतील तोकडेपणा (लेखांक ८) |
संजीव चांदोरकर |
67 |
बेगाने शादी में अब्द्दुल्ला दिवाना ! |
मिलिंद कीर्ती |
68 |
म' मूव्हमेंटचा ! |
आलोक ओक |
69 |
पुन्हा एकदा 'कोसला' |
विश्वाधार देशमुख |
70 |
फंड्री' च्या निमित्ताने |
इनायत परदेशी |
71 |
देशीवाद : 'बहुवचनी भविष्यकाळा'चे काय ? (उत्तरार्ध) |
दत्ता देसाई |
72 |
रुपयाची थोडी घसरण होणे गरजेचे |
अर्थपाल |
73 |
भाजीपाल्याच्या किमतींची किमया |
अर्थपाल |
74 |
सूक्ष्म सिंचन तंत्र आणि पाणलोट विकास कार्यक्रमाची गरज |
अर्थपाल |
75 |
आंबा उत्पादक आर्थिक अडचणीत |
अर्थपाल |
76 |
विकासाचे गुजराती प्रतिमान - जातवादी भिंगातून सामाजिक अभियांत्रिकी |
शैलेश जोशी |
77 |
मुस्लीमद्वेष मोहीम : वस्तुस्थितीच्या शोधात |
सो. म. दहिवले |
78 |
काळा पैसा |
अनुप्रिता घाटपांडे |
79 |
अरविंद केजरीवाल आणि आपसांतील हितसंबंधी भांडवलशाही |
श्रीनिवास खांदेवाले |
80 |
भारतीय विद्वत्तेच्या हिमयुगाची सुरुवात |
लीला आवटे |
81 |
सेंद्रिय शेती |
रमेश पाध्ये |
82 |
नवउदारमतवादाचा तारणहारदेखील शासनच ! (लेखांक ९) |
संजीव चांदोरकर |
83 |
महर्षी वि. रा. शिंदे यांच्या व्यक्तिमत्त्वाचा एक हृद्यविशेष |
रणधीर शिंदे |
84 |
रामकिंकर बैज |
सुधाकर यादव |
85 |
प्रतिसाद |
अजित मगदूम |
86 |
वाढत्या विषमतेला वेळीच आळा घालणे गरजेचे |
अर्थपाल |
87 |
भरतीय रेल्वे सुधारणांच्या प्रतीक्षेत |
अर्थपाल |
88 |
अन्न सुरक्षेच्या संदर्भात प्रश्नचिन्ह |
अर्थपाल |
89 |
मोदी नेतृत्त्वाचा पंचनामा (पूर्वार्ध) |
विनोद जोस |
90 |
मोदी नेतृत्त्वाचा पंचनामा (पूर्वार्ध) |
नेहा महाजन |
91 |
दलित स्त्रियांच्या जीवनातील अत्याचाराची व्यापकता |
संजयकुमार कांबळे |
92 |
महाराष्ट्रातील मुली : एक मुक्त चिंतन |
विद्युत भागवत |
93 |
डाव्या विचारांतील अपुरेपणा (लेखांक १०) |
संजीव चांदोरकर |
94 |
आधुनिकतावाद आणि नेमाडे |
वंदना भागवत |
95 |
अमृता शेर - गील |
सुधाकर यादव |
96 |
द पोट्रेट ऑफ खुशवंत सिंह |
ध्रुवलक्ष्मी पैठणकर |
97 |
फंड्री' च्या निमित्ताने |
भीमराव बनसोड |
98 |
फंड्री' च्या निमित्ताने |
अनिल हिवाळे |
99 |
फंड्री' च्या निमित्ताने |
संजय करंदीकर |
100 |
मोदी नेतृत्त्वाचा पंचनामा |
विनोद जोस |
101 |
इंडिया फर्स्ट'चे गौडबंगाल |
चंद्रहास चौधरी |
102 |
शक्ती मिल बलात्कार निवाडा - न्यायाचा ? |
लीला आवटे |
103 |
उच्चशिक्षणातील अंतर्विरोध |
संजयकुमार कांबळे |
104 |
कॉ. शरद् पाटील यांचे योगदान |
रणजित परदेशी |
105 |
वित्तीय अरिष्टे अमेरिकेत : भारतातील गरीबांनी दखल का घ्यावी? |
संजीव चांदोरकर |
106 |
खतरनाक लाट |
आर. उमामाहेश्वरी |
107 |
मोदी : भारताचे रेगन नव्हे तर निक्सन! |
रॉब जेन्किन्स |
108 |
रूल ऑफ 'कास्ट-लॉ' |
देवेंद्र इंगळे |
109 |
कांता रणदिवे : एकात्मिक सैद्धांतिक चौकटीचा शोध |
माधव दातार |
110 |
मार्क्सवादाकडून शास्त्रीय समाजवादी सिद्धांतनाकडे |
अनंत फडके |
111 |
तुकारामाच्या अस्तित्वाचा सांस्कृतिक प्रश्न |
जी. के. ऐनापुरे |
112 |
वित्त भांडवलाचा गरिबांना विळखा |
संजीव चांदोरकर |
113 |
स्वकर्तुत्वाचा शोध घेणारं आत्मकथन : सांगायची गोष्ट म्हणजे ... |
आशालता कांबळे |
114 |
सामाजिक विकासाच्या चळवळीची नवीन मांडणी |
अशोक पळवेकर |
115 |
मकबूल फिदा हुसेन |
सुधाकर यादव |
116 |
मर्यादित माणसाला मिळाला अमर्यादित कौल |
हरीश खरे |
117 |
उजवीकडचं वळण |
भालचंद्र कानगो |
118 |
मोदींच्या विजयाच्या निमित्ताने ... |
फकरुद्दीन बेन्नूर |
119 |
मोदी सरकारची निर्मिती |
विजय कुंजीर |
120 |
आदम अजमेरीच्या विजयाचा अर्थ |
सुभाष गाताडे |
121 |
राष्ट्रवादी कॉंग्रेस पक्षाने आता वास्तव स्वीकारावे! |
गोरक्षा डेरे |
122 |
जागतिकीकरण आणि मराठी कविता |
वसंत पाटणकर |
123 |
एका अवलिया शारासोबत अखेरची मुलाखत |
आनंद विंगकर |
124 |
|
सतीश सोळांकूरकर |
125 |
विस्तारायला मोकळ्या चर्चांचे प्रांगण |
कुमार शिराळकर |
126 |
फंड्री'च्या निमित्ताने |
इनायत परदेशी |
127 |
बस्स, आता पुरे! |
आनंद तेलतुंबडे |
128 |
अकरा टक्क्यांचा खेळ! |
निर्मलांग्शु मुखर्जी |
129 |
चर्चा नव्हे, नव्या संधी शोधणारा शिष्टाचार |
विठ्ठल दहिफळे |
130 |
३७० कलमाभोवतालचे राजकारण |
लीला आवटे |
131 |
गुजरात मॉडेलची दुसरी बाजू : ग्रामीण अस्पृश्यतेची पाहणी |
अनुपमा कटकम |
132 |
सक्तीचा अर्थसंकल्प |
अनुप्रिता घाटपांडे |
133 |
शेतकरी आंदोलनाची फलश्रुती |
रमेश पाध्ये |
134 |
वित्त भांडवलावरची आपली टीका : कालातीत खरी पण तोकडीदेखील |
संजीव चांदोरकर |
135 |
|
अभय कांता |
136 |
वासुदेव गायतोंडे |
सुधाकर यादव |
137 |
शहजिंदेंची 'झोंबणी' |
युसुफ बेन्नूर |
138 |
जातीय-वर्गीय हुकुमशाहीचा उदय : डाव्यांच्या धोरणात! |
श्रावण देवरे |
139 |
कोरेगावचे उन्मादकांड |
विजय मांडके,मिनाज सय्यद |
140 |
पाणी अडवा,पाणी साठवा |
सुप्रिया शर्मा |
141 |
भारत पाक संबंध पुढे काय ? |
सुकुमार शिदोरे |
142 |
राष्ट्रवादीचे मिथक |
शेखर देशमुख |
143 |
जात्यंताचा मार्ग कोणता ? |
राजू घोगरे |
144 |
गरीब विरुध्द वित्त भांडवल: गरिबांना साथ देताच लढा शक्य |
संजीव चांदोरकर |
145 |
निवडणुका : माध्यमे,पत्रकार आणि श्रीमंत भारतीय |
आनंद करंदीकर |
146 |
पराभूत मनोवृत्तीचे लेखक |
मनोहर जाधव |
147 |
भूमी सावरण्याची गोष्ट |
किशोर सानप |
148 |
तटस्थ दृष्टीकोनाची गरज |
मिनू जैन |
149 |
दलितांवरील अत्याचार आणि जात-सामंती हिंसेचा ताळेबंद |
देवेंद्र इंगळे |
150 |
कश्मीर पेचप्रसंग : नवी दिशा |
समीर अहमद |
151 |
ही स्मशानशांतता कशासाठी ? |
बी.जी.कोळसे-पाटील |
152 |
बालात्काराविरोधी संघर्षातील वारंवारिता अटळ |
अरुणा बुरटे |
153 |
तीर्थक्षेत्रांचे राजकारण |
सुभाष गाताडे |
154 |
भारतीय मध्यमवर्गीय हा उच्चजातीयच ! |
विजय कुंजीर |
155 |
शेतकरी आंदोलनाची फलश्रुती (उत्तरार्ध) |
रमेश पाध्ये |
156 |
भारतात माध्यमांचे भविष्य काय ? |
परंजोय गुहा - ठाकूरता |
157 |
ना मालकीचा विचार, ना भविष्याचा ! |
वनिता कोहली - खांडेकर |
158 |
|
विजय चोरमारे |
159 |
के. जी. सुब्रमण्यन |
सुधाकर यादव |
160 |
कविता माणूसपणाच्या शोधाची |
वीणा सानेकर |
161 |
वर्गीय आणि बिनवर्गीय पिळवणूक |
अनंत फडके |
162 |
मोदी सरकारच्या ५ कोलांट्याउड्या |
रोहन व्यंकटरामकृष्णन |
163 |
मोदी सरकारच्या ५ कोलांट्याउड्या |
नेहा महाजन |
164 |
अर्थसंकल्प : मागील पानावरून पुढे |
अनुप्रिता घाटपांडे |
165 |
मुस्लीम-मराठा आरक्षणाची खेळी |
श्रावण देवरे |
166 |
प्रभावी व परिणामकारक पोलीस दलासाठी नरबळी ? |
सुरेश खोपडे |
167 |
गुप्तचर विभागाच्या अहवालाच्या निमित्ताने |
रेश्मा जठार |
168 |
गरीब आणि मध्यमवर्ग |
तपोश चक्रवर्ती |
169 |
बदलणारं गाव |
संपत मोरे |
170 |
भारतीय विचारप्रणालीचा इतिहास रचताना ... |
जयंत लेले |
171 |
पाणी आणि दलित स्त्रिया |
निरुपम हाजा |
172 |
पाणी आणि दलित स्त्रिया |
दीपक बोरगावे |
173 |
भूमिकांचे पुनर्मूल्यानांकन आवश्यक |
दिपीप चव्हाण |
174 |
कवी आणि कविता |
यशवंत मनोहर |
175 |
|
केदारनाथ सिंह |
176 |
|
वसंत केशव पाटील |
177 |
|
राजश्री देशपांडे |
178 |
दहशतवाद आणि आंतरराष्ट्रीय राजकारण |
माधव दातार |
179 |
भारताच्या प्रगतीचा आराखडा असा हवा ! |
कांती बाजपाई |
180 |
जमीन आणि जमातवादी राजकारण |
धीरेंद्र के. झा |
181 |
इराक, सीरिया आणि 'इसीस' |
रमेशचंद्र पाटकर |
182 |
रडवणारा कांदा |
श्रीकांत संबरानी |
183 |
बोलक्या बातम्या |
सुकुमार शिदोरे |
184 |
भारतीय विचारप्रणालीचा इतिहास रचताना ...२ |
जयंत लेले |
185 |
संपादकांचे स्वातंत्र्य, माध्यमे आणि लोकशाही |
अरुण खोरे |
186 |
खरे स्वशासन कसे येईल ? |
मिलिंद बोकील |
187 |
हिजडे : माणूसपणाची ओळख ते हक्कसंरक्षण |
सुरेश खोले |
188 |
पहिल्या महायुद्धाची शंभरी |
विजय कुंजीर |
189 |
तय्यब मेहता |
सुधाकर यादव |
190 |
मानव विकास निर्देशांक |
मनोज पांडकर |
191 |
मानव विकास अहवाला'त भारत |
देवेंद्र इंगळे |
192 |
स्त्री-पुरुष समता मापक निर्देशांक |
आनंद करंदीकर |
193 |
अरब-पॅलेस्टाईन संघर्षाचा प्रवास |
विजय कुंजीर |
194 |
इराक संघर्ष आणि भारत |
विठ्ठल दहिफळे |
195 |
उच्चशिक्षण : जंतुनाशक फवारणीची गरज |
प्रताप भानू मेहता |
196 |
झाकोळल्या दिशा |
भूषण देशमुख |
197 |
स्त्रिया खोटे बोलतात ? |
अनुभा सिंग |
198 |
स्त्रिया खोटे बोलतात ? |
सुरभी शुक्ला |
199 |
स्त्रिया खोटे बोलतात ? |
लीला आवटे |
200 |
भारतीय विचारप्रणालीचा इतिहास रचताना ...३ |
जयंत लेले |
201 |
गणिताची आवड निर्माण करणारं पुस्तक |
लता इंगळे |
202 |
धान्याचे उत्पादन : भारत आणि चीन यांची तुलना |
अर्थपाल |
203 |
हिमाचल प्रदेशाच्या विकासाला गती मिळणार |
अर्थपाल |
204 |
मोदी सरकारपुढील आव्हाने |
अर्थपाल |
205 |
महागाई वाढते आहे पण... |
अर्थपाल |
206 |
भारत आणि जागतिक व्यापार संघटन |
श्रीनिवास खांदेवाले |
207 |
वैदिक गणित |
सी. के. राजू |
208 |
वैदिक गणित |
नेहा महाजन |
209 |
...अन निव्वळ फसवणूक |
हरतोष सिंग बाल |
210 |
...अन निव्वळ फसवणूक |
नेहा महाजन |
211 |
अंधश्रद्धा निर्मूलनाचे भावनिक तरंग |
संदीप जावळे |
212 |
बोलक्या बातम्या |
सुकुमार शिदोरे |
213 |
राष्ट्रीय अभ्यासक्रम आराखडा २००५ - चर्चेचे वृत्तांकन |
विनया मा. ह |
214 |
राष्ट्रीय अभ्यासक्रम आराखडा २००५ - चर्चेचे वृत्तांकन |
अपर्णा दीक्षित |
215 |
राष्ट्रीय अभ्यासक्रम आराखडा २००५ - चर्चेचे वृत्तांकन |
संपादक |
216 |
भारतीय विचारप्रणालीचा इतिहास रचताना ...४ |
जयंत लेले |
217 |
सावित्रीबाई फुले पुणे विद्यापीठ नामकरण : एक प्रेरणास्त्रोत |
विजय भगत |
218 |
हिंदू : जगण्याची एक जगण्याची रीत |
अलका नाथेकर |
219 |
|
राहुल पुंगलीया |
220 |
हिजडे : माणूसपणाची ओळख ते हक्कसंरक्षण |
इनायत परदेशी |
221 |
बाजपाईंचा मनमोहनी सल्ला |
दत्ता देसाई |
222 |
मर्दानी : एक लिंगभावात्मक विश्लेषण ! |
प्रबुद्ध मस्के |
223 |
जे. स्वामिनाथन |
सुधाकर यादव |
224 |
साखर उद्योगापुढील आर्थिक संकट वाढले |
अर्थपाल |
225 |
रघुराम राजन सरकारच्या धोरणावर टीका करू लागले |
अर्थपाल |
226 |
बुलेट ट्रेनचे आगमन होणार काय ? |
अर्थपाल |
227 |
दुधाची भाववाढ रोखण्याचा मार्ग |
अर्थपाल |
228 |
भारतीय राज्यव्यवस्थेवरील मूल्यात्मक संक्रमण व मोदींचा विजय |
बी. युवराज |
229 |
दलित राजकारणातील उजवे वळण |
अजय गुडावर्थी |
230 |
देवराष्ट्र |
संपत मोरे |
231 |
वर्ग, जात आणि ब्राह्मणवाद : शरद पाटील यांचे योगदान कोणते ? |
रणजीत परदेशी |
232 |
अ ट्रिब्यूट टू प्रो. बिपन चंद्रा थ्रू हिज रायटिंग्ज |
दिलीप कदम |
233 |
अण्णा भाऊ साठे : दलित साहित्याच्या मूल्यात्मक अधिष्ठानाचे वाटेकरी |
अजित मगदूम |
234 |
कर्मवीर भाऊराव पाटील : युवा पिढीची प्रकाशवाट |
दीपक बोरगावे |
235 |
ए. के. रामानुजन यांच्या दहा कविता |
ए. के. रामानुजन |
236 |
ए. के. रामानुजन यांच्या दहा कविता |
दीपक बोरगावे |
237 |
इंदिरा संतांच्या कवितेतील भावांदोल |
सीमा चवरे |
238 |
बाबरी ते कणेरी |
सुकुमार शिदोरे |
239 |
शिक्षणक्षेत्रातील पर्यायी सांस्कृतिक राजकारणाचा दृष्टिकोन |
प्रियदर्शन भवरे |
240 |
चित्रकार अमृता शेर-गील |
माधव इमारते |
241 |
जवखेडे हत्याकांड : प्राथमिक सत्यशोधन अहवाल |
सुबोध मोरे |
242 |
भय इथले संपत नाही ... |
कुणाल शिरसाठे |
243 |
भय इथले संपत नाही ... |
हर्षल लोहोकरे |
244 |
दलितांवरील अन्याय - अत्याचार कसे थांबतील ? |
रमेशभाई खंडागळे |
245 |
मराठा राजकारणाचा लोप ? |
सुहास पळशीकर |
246 |
उत्तर महाराष्ट्राचा निकाल |
संदीप नेरकर |
247 |
विदर्भाचा निकाल |
राहुल बागवे |
248 |
विदर्भाचा निकाल |
भास्कर वघाळे |
249 |
मध्य महाराष्ट्राचा निकाल |
किशोर रक्ताटे |
250 |
दक्षिण महाराष्ट्राचा निकाल |
संपत मोरे |
251 |
महिलांच्या राजकीय भागीदारीचा यक्षप्रश्न |
वैशाली पवार |
252 |
महिला प्रतिनिधित्वाचे वास्तव रूप |
सुप्रिया गायकवाड |
253 |
AIMIM चा प्रवेश आणि धर्मनिरपेक्षतेची वासलात |
शुजा शाकीर |
254 |
AIMIM चा प्रवेश आणि धर्मनिरपेक्षतेची वासलात |
गणेश मेरगू |
255 |
भूपेन खक्कर |
सुधाकर यादव |
256 |
|
अर्थपाल |
257 |
खाद्यान्नाच्या किमतीत घसरण सुरु |
अर्थपाल |
258 |
कडधान्ये आणि डाळी महाग झाल्या |
अर्थपाल |
259 |
निवारा कसा उपलब्ध होणार ? |
अलका धुपकर |
260 |
मागासवर्गीयांची मुलं अनाथ ? |
विवेक घोटाळे |
261 |
भाजपाचा विस्तार अन आव्हान |
नितीन बिरमल |
262 |
शहरी वर्चस्वाचे राजकारण |
प्रकाश पवार |
263 |
विधानसभा निवडणूक आणि आरक्षणाचा प्रश्न |
अमर हबीब |
264 |
निवडणुकीतील वाढत्या अप्रवृत्ती अन निवडणूक सुधारणा |
उमाकांत जाधव' |
265 |
मराठवाडा : सत्तांतरात योगदान |
विवेक घोटाळे |
266 |
आदिवासी राखीव मतदारसंघातील राजकारण : कॉंग्रेसकडून भाजपकडे वाटचाल |
पांडुरंग भोई |
267 |
राखीव मतदारसंघाचे राजकारण : फलटण मतदारसंघाचा अभ्यास |
सोमीनाथ घोळवे |
268 |
भारिप (बमसं) समोर विकास आणि विस्ताराचे आव्हान |
भारत पाटील |
269 |
काही वैशिष्यपूर्ण नोंदी |
मयांक शर्मा |
270 |
मुस्लिमांचे राजकीय प्रतिनिधित्व का खालावतेय ? |
अरुणचंद्र गवळी |
271 |
राष्ट्रीय अभ्यासक्रम आराखडा : संकल्पना आणि व्यवहार |
विनया मालती हरी |
272 |
राष्ट्रीय अभ्यासक्रम आराखडा : संकल्पना आणि व्यवहार |
अभय कांता |
273 |
आमूलाग्र बदल |
प्रकाश बुरटे |
274 |
बालचमूचे शिक्षण : विकासाचा पाया |
मालविका झा |
275 |
आरोग्य शिकूया ... निरोगी राहून |
मेधा काळे |
276 |
शांततेसाठी शिक्षण ... |
नेहा महाजन |
277 |
शिक्षण मुस्लीम मुलांचे |
विनया मालती हरी |
278 |
इतिहास' शिकवताना... |
अविजीत पाठक |
279 |
प्रश्न भाषेचा |
अविनाश पांडे |
280 |
चौकटीच्या आत-बाहेर काम करताना |
प्रतिभा भराडे |
281 |
सुरवंटापासून फुलपाखरू ! |
विभा साबळे |
282 |
कार्य आणि शिक्षण-एक पाऊल पुढे आणि दोन मागे |
योगेश कुलकर्णी |
283 |
राष्ट्रीय अभ्यासक्रम आराखडा : संकल्पना आणि व्यवहार |
अश्विनी घोटाळे |
284 |
कविता |
जगदीश खेबुडकर |
285 |
अनिष कपूर |
सुधाकर यादव |