Sr. No | Article Title | Author Name |
1 |
कालातील |
अरुणचंद्र गवळी |
2 |
हॉटेलविश्वाच विदारक चित्रण |
पी. विठ्ठल |
3 |
ऑनलाईन शॉपिंग |
मो निहाल अफसोज अनु. सुकुमार शिदोरे |
4 |
एका पालीच्या चुकचुकण्याचे संशोधन |
अंबुजा साळगावकर |
5 |
नक्षलवाद व सहकार : काही निरीक्षणे |
लखनसिंग कटरे |
6 |
कोण म्हणतं 'जय भीम' |
प्रवीण घोडेस्वार |
7 |
जयंत नारळीकरांना जाहीर नम्र आवाहन |
दत्तप्रसाद दाभोलकर |
8 |
महिला : लिंगभाव व राजकारण |
जास्वंदी वांबूरकर |
9 |
ट्रॉली टाईम्स : आंदोलनातील माध्यमांची प्रासंगीकता |
अभिषेक भोसले |
10 |
सरत्या वर्षाला निरोप देताना |
प्रदीप पुरंदरे |
11 |
तिकडे काय स्थिती आहे? |
श्रीकांत ढेरंगे |
12 |
धगधगत्या पँथरच्या समकालीन इतिहास |
मिलिंद कसबे |
13 |
'वंचितांचे वर्तमान' व भविष्यवेध' |
गौतम कांबळे |
14 |
राष्ट्रवाद, जमातवाद आणि स्त्रिया |
कमलेश बेडसे व मनोहर निकम |
15 |
जे ओमेलास सोडून जाताना |
उर्सुला के ले ग्विन अनु. दीनानाथ मनोहर |
16 |
उच्चशिक्षणच अवकाश खुला करताना |
आनंदिता घोष |
17 |
बेल हुक्स : स्त्रीवादी साथी |
पांचाली राय |
18 |
जलकोंडी फोडण्यासाठी किमान समान कार्यक्रम |
प्रदीप पुरंदरे |
19 |
निवडणूक खर्चाची वाढलेली मर्यादा |
रवींद्र धनक |
20 |
स्वतंत्र माध्यमांची गरज आणि नोबल २०२१ |
अभिषेक भोसले |
21 |
निमित्त : परिवर्तनाचे वाटसरुचे रौप्यमहोत्सवी वर्ष |
कल्पना दीक्षित |
22 |
उपेक्षितांची कहाणी सांगणारी 'भिनवाडा |
आनंद विंगकर |
23 |
सीमालढ्याचा समग्र इतिहास |
वृषाली मगदूम |
24 |
अलविदा शाहीर राजा पाटील |
चंद्रकांत बाबर |
25 |
लाईफ अँड टाइम्स ऑफ मायकेल के |
सत्येन होंबाळी |
26 |
समतेसाठी 'समता' |
श्रीराम गडकर |
27 |
सेझचा लढा |
एन. डी. पाटील |
28 |
एन. डी. सर : महाराष्ट्राचा नैतिक लोकपाल |
अजित मगदूम |
29 |
राजद्रोहाचा कलंकित कायदा |
नितीश नवसागरे |
30 |
बँक विलीनीकरण : एक फसलेला प्रयोग |
देविदास तुळजापूरकर |
31 |
आपल्या अर्थव्यवस्थेची आभासी वाढ |
विजय दिवाण |
32 |
किरण माने, अमोल कोल्हे आणि 'स्वातंत्राच्या पलीकडे' |
राहुल पुंगलिया |
33 |
अमृता |
छाया कोरेगावकर |
34 |
बहुदा |
सत्य कुटे |
35 |
सखे.. तू सोबत रहा |
सरिता पवार |
36 |
द लाईव्हज ऑफ ए सेल सत्यम होंबली |
सत्यम होंबली |
37 |
विवाहवयाचे विधेयक व मुलींचे उच्चशिक्षण |
सायली शंकर |
38 |
गावजत्रेतील खेळणी : एक विश्लेषण |
अनिल जायभाये |
39 |
गायीचे पावित्र्य आणि न्यायपालिका |
नितीश नवसागरे |
40 |
उत्तर प्रदेश निवडणूक : उलटफेराची नांदी |
Post |
41 |
अर्थसंकल्पाच्या पलीकडे नी पलीकडे |
अच्युत गोडबोले |
42 |
नेमेची येणारा हा अर्थसंकल्प नव्हे |
संजीव चांदोरकर |
43 |
गाणं |
भगवान फाळके, शशिकांत हिंगणेकर |
44 |
न्युज ऑफ किडनैपिंग |
सत्यम होंबली |
45 |
भिंतीपल्याडचा भारत रेखाटणार "झुंड" |
प्रबुद्ध मस्के |
46 |
मराठी मालिका : लिंगभावी दृष्टिकोनातून |
रेणुका कड, प्रवीण घोडेस्वार |
47 |
आणीबाणीच्या उंबरठ्यावर |
अनिल सावंत |
48 |
डॉ. आंबेडकर आणि धर्मांतर-भाग ०२ |
चैतन सोनवणे |
49 |
उच्च शिक्षण व लिंगभाव |
नुपूर जैन |
50 |
कुणाच्या खांद्यावर कोणाचे ओझे |
वसंत देशमाने |
51 |
विकास आणि प्रादेशिक विषमता |
श्रीनिवास खांदेवाले, धीरज कदम |
52 |
भारतासमोर वाढती आव्हाने |
परिमल माया सुधाकर |
53 |
रशिया - युक्रेन संघर्ष व जागतिक राजकारण |
रोहन चौधरी |
54 |
आदरांजली : एजाज अहमद |
राहूल कोसंबी |
55 |
ख़ोल जखम सुधिरसथि |
भैया दिलीप पाटील , राहुल पुंगलिया |
56 |
इन पॅटागॉनिया |
सत्येन होंबळी |
57 |
डॉ. आंबेडकर आणि धर्मांतर - भाग - ०३ |
चैतन सोनावले |
58 |
आंतरराष्ट्रीय राजकारणा विद्याशाखीय अभ्यास |
हरेश खैरनार |
59 |
(आड) बाजूने प्रवेश व घटनात्मक नीतिमत्ता |
राजेंद्र शेजुळ |
60 |
भारताचा आखातातील साथी : कतार |
प्रतीक कुटे |
61 |
'झुंड' - दावे आणि हेलकावे |
राहुल एम. |
62 |
मर्यादांच पांघरुन |
कल्पना मस्के - सिद्धेवाड |
63 |
अर्धवट 'काश्मीर फाईल्स' |
कलीम अजीम |
64 |
प्रॉब्लेम |
मालिका अमर शेख |
65 |
झाडीपट्टी परिसराची सशक्त कविता |
आनंद विंगकर |
66 |
गुलाबराव बाजाराला जातो |
अरुण सीताराम तिनगोटे |
67 |
जैविक सलोख्यासाठी |
भारत पाटणकर |
68 |
निळ्या डोळ्यांची मुलगी |
भाग्यश्री जावळे |
69 |
गोटूल संस्थेची रचना व मूल्यात्मक आशय |
नरेश मडावी |
70 |
ऊसतोड महिला श्रमिकांचे अवघडलेपण |
सरोज शिंदे |
71 |
सुधीर बेडेकर मागोवा आणि क्रांतिकारी विचार |
दत्ता देसाई |
72 |
फेसबुक ते द्वेषबुक |
अभिषेक भोसले |
73 |
द फॉल |
सत्यन होंबली |
74 |
असहमतीचा खटला |
सुकुमार शिदोरे |
75 |
अनुवादित कथा आस |
एंटोन चेकोव अनु. ईरशाद वाडगांवकर |
76 |
मराठी मलिका : लिंगभावी दृष्टिकोणातुम -०२ |
रेणुका कड व प्रवीण घोड़ेस्वर |
77 |
जैविक सालोखासाठी -०२ |
भारत पाटनकर |
78 |
ई -कचरराच्या समस्सेची संधी |
समित माहोरे |
79 |
अस्सल मार्क्सवादी विचारवंत |
- प्रभात पटनाइक अनु. शैलेश जोशी |
80 |
अर्धवट 'कश्मीर फाइल्स' |
कलीम अजीम |
81 |
न्यायपालिका , हिजाबबंदी आणि... |
नीतीश नवसागरे |
82 |
हे कुणाचाही बाबतित घडू शकत |
-रमा तेलतुबडे -आंबेडकर |
83 |
जत्था, जमाव, गट... आणि लोक |
माधुरी दीक्षित |
84 |
भूजल : अदृश्य जरी, करू दृश्यमय |
अनिल सावंत |
85 |
द केव्ह |
सत्येन होंबळी |
86 |
सिनेमावरचा प्रागतिक दृष्टिकोन |
अनमोल कोठडीया |
87 |
केरळमधील लिंगभाव व उच्च शिक्षण |
सिनु सुगथन |
88 |
जैविक सलोख्यासाठी - ०३ |
भारत पाटणकर |
89 |
शास्त्रीय संगीतकार व चित्रपट संगीत |
नितीन आरेकर |
90 |
जातीय, लैंगिक हिंसा आणि सिनेमा |
चंद्रकांत कांबळे |
91 |
सामाजिक परिवर्तनात ' प्रभात ' ची भूमिका |
सागर कारखानीस |
92 |
भारतीय राजकारणाचे बदलते स्वरूप |
विजय कुंजीर |
93 |
बुडत्याचे पाय खोलात |
दिलीप चव्हाण |
94 |
द बुक ऑफ डिस्काएट |
सत्येन होंबली |
95 |
कविता |
सतीश लोथे |
96 |
जॉन बर्जरच्या दहा कविता |
अनु. प्रभाकर बागळे |
97 |
जैविक सालोख्यासाठी - ०४ |
भारत पाटणकर |
98 |
आदिवासी स्त्रीला समकालीन विषमतेचा अडसर |
वनिता तुमसर |
99 |
जमातवादाचा संचार |
देवकुमार अहिरे |
100 |
सुगंध वाटणारा समाजसुधारक |
शीतल मोरगे |
101 |
भयभीत उपासकांचे अरण्यारुदन |
रेनुकदास उबाळे |
102 |
रजनी परुळे परुळेकरांविषयी |
प्रज्ञा दया पवार |
103 |
द बेगर |
सत्येन होंबळी |
104 |
स्थलांतरितांच्या कथा नी व्यथा |
अंकुश आवारे |
105 |
अनामिका यांच्या दोन कविता |
अनुवाद वीणा सानेकर |
106 |
' लेडी डॉक्टर्स ' च्या स्मृतींना उजाळा देताना |
नदी पळशीकर अनु. स्वाती देहाडराय |
107 |
प्रिया जामकर यांच्या कवितेचे अन्वयार्थन |
राहुल पुंगलीया |
108 |
मराठीतील जडवादी कलामिमासेची रूपे |
शरद नावरे |
109 |
चार वर्षानंतर |
pOST |
110 |
वह सूबह कभी तो आयेगी |
गणेश देवी, अशोक चौसाळकर, राम पूनियानी, आनंद पटवर्धन, बी. जी. कोळसे पाटील, भालचंद्र कांगो |
111 |
अन्यान अटकेची चार वर्ष |
नितीश नवसागरे |
112 |
एक पत्थर तो तबीयत से उच्छालो यारो |
देवेंद्र इंगळे |
113 |
द सफ्रेज ऑफ एल्व्हयरा |
सत्येन होंबली |
114 |
महाराष्ट्रातील कालवा सिंचन.... |
छाया दातार |
115 |
पेपर वाचताना |
सुकुमार शिदोरे |
116 |
प्रिया जामकर यांच्या कवितेचे अन्वयार्थन |
राहुल पुंगलीया |
117 |
मराठीतील जडवादी कलामिमासेंची रूपे |
शरद नावरे |
118 |
शाकाहारमगच तामसी सत्य |
एम. ए. कलाम अनु. प्रमोद मुजुमदार |
119 |
महागाई : किमतीचा बाजार.... |
प्रशांत सोनवणे |
120 |
पाकिस्तानातील सत्ताबदल |
समीर अहमद, सकीना राथेर |
121 |
शिवसेनेचा बंडाचा इतिहास |
संजय पाटील |
122 |
महाराष्ट्र : पुन्हा निवडणूकच |
विजय कुंजीर |
123 |
शिवसेना : राजकीय व वैचारिक कडेलोट? |
सुरेंद्र जोंधळे |
124 |
रावसाहेब कसबे यांचे गांधीदर्शन |
प्रदीप गोखले |
125 |
शिक्षण : पहील्या पिढीचे |
सुवर्णा मोरे |
126 |
भारतीय ग्रंथालयशास्त्राचे जनक |
सुप्रिया नवले |
127 |
मराठीतील जडवादी कलामिमासेची रूपे |
शरद नावरे |
128 |
ई - वाहने - पर्यावरणाला घातक |
सतीश देशमुख |
129 |
शिवसेना नावाची कल्पना |
संजय पाटील |
130 |
नको मोक्ष, हवी सहसंवेदना |
स्वातिजा मनोरमा |
131 |
न्यायाच्या प्रतीक्षेत |
रमा तेलतुंबडे |
132 |
जनतेच्या मनातल बोलू काही... |
नारायण भोसले |
133 |
जनतेच्या मनातल बोलू काही... |
नारायण भोसले |
134 |
स्लॉटरहाऊस - फाईव्ह |
सत्येन होंबळी |
135 |
मुक्त अर्थव्यवहारांविषयीच मुक्त चिंतन |
गौतम कांबळे |
136 |
साहिल कबीरच्या सोलोकोरस कविता |
नीलिमा बंडेलू |
137 |
माणूसपणाचा अस्सल अस्खलित स्वर |
अंजली ढमाळ |
138 |
तीन कविता |
माया पंडित |
139 |
मराठीतील जडवादी कलामिमासेंची रूपे |
शरद नावरे |
140 |
डॉ. दत्ता सामंत नावाचे वादळ |
रमेश पाध्ये |
141 |
महागाई : प्रतिस्पर्धा कायदा व कार्टेलची लूट |
प्रशांत सोनावणे |
142 |
पांडव द्रौपदी ते मुर्मू द्रौपदी |
कांचा इलैया अनु. दिलीप चव्हाण |
143 |
अविरत अटकसत्र |
वृषाली मगदूम |
144 |
कविता |
प्रज्ञा पवार |
145 |
डार्कनेस ॲट नुन |
सत्येन होंबळी |
146 |
कितीदा नव्याने तुला आठवावे? |
नीलिमा जाधव |
147 |
घरकामगार स्त्रियांचा संघर्ष |
सामिका दंडगे |
148 |
मराठीतील जडवादी कलामिमासेंचे रूपे |
शरद नावरे |
149 |
नगर पंचायत निवडणुका २०२१ : अन्वयार्थ |
अंकुश आवारे |
150 |
विद्यमान स्तब्धतायुक्त चलनवाढीचे स्वरूप |
चंद्रकांत केळकर |
151 |
आया राम, गया राम, व्हाया जय श्रीराम! |
नितीश नवसागरे |
152 |
आणि बिहारी सतसई'चे काही नवे दोहे |
कलीम अजीम |
153 |
इन प्याराडाईज |
सत्येन होंबळी |
154 |
डॉ. सुभाष लुकंड, तुषार पाटील |
डॉ. सुभाष लुकंड, तुषार पाटील |
155 |
कर्तृत्वाचे ढोल, दावे फोल |
अनिल सावंत |
156 |
कवी, कविता, दुर्बोधता वगैरे |
लखणसिंग कटरे |
157 |
हिंदू - मुस्लिम दंगली व ब्रह्मनवाद |
एस. एम. मुश्रीफ |
158 |
1953 चा नागपूर करार आणि सद्यस्थिती |
प्रज्ञासूर्य शेंडे |
159 |
भटक्या - विमुक्त चळवळींची दिशा |
शांताराम पंदेरे |
160 |
नामांतर हवं, पण इतिहासाच्या आधारावर |
विजय दिवाण |
161 |
आरक्षणाचा काला नको |
विजय कुंजीर |
162 |
हे विघातक पाऊल मागे घ्या! |
बिल्कीस बानो |