Sr. No | Article Title | Author Name |
1 |
Mahrashtra Nama |
2 |
2 |
आधीपासूनच्या लोकांचं काय झालं? |
अवधूत डोंगरे |
3 |
गांधीजींचे हिटलरला पत्र |
2 |
4 |
आंबेडकरवाद : तत्त्व आणि बदलता व्यवहार |
विजय खरे |
5 |
घुमानचे तीर्थाटन |
Kalim Ajim |
6 |
जागतिक मुक्त व्यापार व भारतीय शेती |
Shrinivas Khandewale |
7 |
free articles |
2 |
8 |
मुस्लिमांचा मताधिकार काढून घ्यावाच... |
बशारत अहमद |
9 |
गोहत्या बंदी : सावरकर आणि विवेकानंद |
दत्तप्रसाद दाभोलकर |
10 |
समोरा-समोर कवी |
प्रियदर्शन |
11 |
बीज अंकुरे अंकुरे |
नारायण लाळे |
12 |
तेंडुलकरांचे कादंबरीलेखन |
दत्ता भगत |
13 |
प्रभाकर बरवे |
सुधाकर यादव |
14 |
अस्मितेच्या राजकारणाचा रंगमंचीय आविष्कार |
शैलेंद्र खरात |
15 |
पर्यावरणीय स्त्रीवादाची कविता |
प्रवीण घोडेस्वार |
16 |
कॅरोलायना स्प्रिंग... अमेरिकेच्या सरकारी शाळेत! |
श्रीकांत काळोखे |
17 |
महाराष्ट्रातील दुष्काळ निर्मूलनाच्या मार्गातील पेच... |
सोमिनाथ घोळवे |
18 |
मायकेल लेबोविट्झ यांची प्रस्तावना |
संजीव चांदोरकर |
19 |
राष्ट्रीयत्वाच्या मार्गावरील सत्यशोधक : जागृतिकार पाळेकर |
उमेश बगाडे |
20 |
सार्वजनिक उपक्रम : स्थित्यंतर व नवी दिशा |
मंजूषा मुसमाडे |
21 |
व्याजाच्या दरात कपात नाही |
अर्थपाल |
22 |
व्याजाच्या दरात कपात नाही |
अर्थपाल |
23 |
भारतातील अतिसधनांची वाढती अधिसत्ता |
अर्थपाल |
24 |
कापूस उत्पादक शेतकरी अडचणीत |
अर्थपाल |
25 |
संतुलन हरवू नका |
शंदना मिनहास |
26 |
त्यांच्यासाठी अश्रू ढाळू नका ! |
मोहम्मद हनिफ |
27 |
निवड - भारत आणि ब्राझील मतदाराची |
शोभन सक्सेना |
28 |
हाँगकाँगचे भविष्य परत मिळवण्यासाठी |
जोशुवा वाँग ची-फुंग |
29 |
लॅटिन अमेरिकेतील डाव्यांची विफलता |
मॅन्युएला पिक |
30 |
मोदींच्या नायकपूजेचे धोके |
अरुणा रॉय |
31 |
रा.स्व.संघाचा स्वदेशीचा पुरस्कार घातक |
एजाज अशरफ |
32 |
आयरिस' संबंधीचे राजकारण आणि भारताच्या सुरक्षेचा प्रश्न |
फकरुद्दीन बेन्नूर |
33 |
भारतीय राज्यव्यवस्थेतील मूल्यात्मक संक्रमण व मोदींचा विजय (उत्तरार्ध) |
बी. युवराज |
34 |
खाद्यान्नाचे उत्पादन आणि वितरण |
रमेश पाध्ये |
35 |
रचनावादी मूल्यमापन |
वर्षा कुलकर्णी |
36 |
अरब वसंत ऋतूविषयी |
माधव दातार |
37 |
हिटलर तेव्हा प्रस्थापित होतो |
दत्तप्रसाद दाभोळकर |
38 |
भारतीय अर्थव्यवस्थेसाठी नवे वर्ष कसे असेल ? |
अर्थपाल |
39 |
महागाई नियंत्रणात येत आहे |
अर्थपाल |
40 |
महागाईचा दुर्लक्षित पैलू |
अर्थपाल |
41 |
काश्मीर डायरी (१-१५ डिसें.२०१४) |
शरद नावरे |
42 |
गांधीवादाची 'सफाई' करताना... |
सुहास पळशीकर |
43 |
मोदीपंथ आणि निर्णयदक्षता |
एम.एस.एस.पांडीयन सात्यकी रॉय |
44 |
Uber अर्थकारणाचे गुपित : उत्पन्नातील विषमता |
लिओ मिरानी |
45 |
सार्वजनिक क्षेत्रातील उद्योगांचा 'मेगा सेल' |
व्ही. श्रीधर |
46 |
अनिश्चितता तत्त्वाची कल्पना वेदांतून आलेली नाही!' |
वासुदेवन मुकुंत |
47 |
नेहेरूंचा पुनर्शोध |
कांचा इलाया |
48 |
ज्योत से ज्योत जलाते चलो, सारे जहाँमे आग लगाते चलो |
विजय कुंजीर |
49 |
आरोग्य व्यवस्थेसमोरील आव्हाने |
शैलेश दळवी |
50 |
टी.आर.पी. : मालिकांचा आणि स्त्रीसुधारणेचा |
सुप्रिया आवारे |
51 |
राजू कालेलकर : माझ्या कशासाठी स्मरणात राहील? |
संजीव चांदोरकर |
52 |
पीके : भारतीय धर्मप्रबोधनाची कोंडी |
इनायत परदेशी |
53 |
यामिनी रॉय |
सुधाकर यादव |
54 |
खनिज तेलाचे भाव घसरले त्याचे परिणाम |
अर्थपाल |
55 |
उत्पादकता वाढली म्हणजे भारतीय कामगारांचे वेतन वाढत नाही |
अर्थपाल |
56 |
सर्वसाधारण शेतकऱ्यांची स्थिती जैसे थे! |
अर्थपाल |
57 |
माला शाळांचा अभिनव उपक्रम |
अर्थपाल |
58 |
अभिवादन कार्यकर्त्या-कलावंताला : ढोलकीवादक रवींद्र गरुड |
इनायत परदेशी |
59 |
अभिव्यक्ती के सारे खतरे उठाने होंगे |
जयंत पवार |
60 |
अतिरेकी बाहेरून येत नाहीत |
माधव दातार |
61 |
अन्यथा अंधारवाटा अटळ आहेत ! |
मिलिंद कसबे |
62 |
पेरूमल मुरुगन को किसने मारा ? |
संजय पांडे |
63 |
भूतकाळाला भविष्य बनवताना ! |
मेडिको फ्रेंड सर्कल |
64 |
नाठाळ गुंतागुंतीची ऐतिहासिकता |
सिदिन वदुकुट |
65 |
जयंतपेक्षा भूपेनच मुबलक झालेत ! |
अभिक बर्मन |
66 |
नेपाळमधील भारताच्या मक्तेदारीला चीनचे आव्हान |
नतालिया ओबिको पिअर्सन |
67 |
धर्मनिरपेक्ष पलटनीचा संप्रदायवाद |
अजय गुडावर्थी |
68 |
सामाजिक शास्त्रे |
सीमंतिनी धुरू |
69 |
जयंत पवार आणि विद्रोही संवेदन |
प्रभाकर बागले |
70 |
संतुलन बिघडतं तेव्हा... |
सितारा |
71 |
एक पत्थर तो तबियत से उछालो यारों... |
अमित नारकर |
72 |
लोकाधारित देखरेख प्रक्रिया |
केदार देशमुख |
73 |
मनरेगाचे सामाजिक अंकेक्षण : लोकहस्तक्षेपासाठी वाव |
केदार देशमुख |
74 |
महाराष्ट्रातील दुष्काळाचे वास्तव |
सोमिनाथ घोळवे |
75 |
इस्लाम खतरे में... |
विजय कुंजीर |
76 |
मार्क्स 'वाद' वैज्ञानिकता आणि क्रांतिकारकता (लेख १) |
दत्ता देसाई |
77 |
वाबळेवाडीचा प्रयोग |
दत्ता वारे |
78 |
जात, वर्ग, लिंगपातळीवरील शोषणाच्या अनंतगर्भ शक्यता उघड करणारे 'धादांत खैरलांजी!' |
शीतल पावसकर-भोसले |
79 |
के. एच. आरा |
सुधाकर यादव |
80 |
कॉम्रेड तुम्ही चुकलाच ! |
गजानन कोर्तलवार |
81 |
तू माझ्या बापाच्या अंत्ययात्रेत होतास? |
कृष्णा कोरे |
82 |
पोरकेपणाच्या पारावरून |
किशोर मांदळे |
83 |
मराठीचा विकास... पण कोणाची मराठी ? |
अविनाश पांडे |
84 |
मराठीचा विकास... पण कोणाची मराठी ? |
रेणुका ओझरकर |
85 |
केळकर समितीचा अहवाल आणि मराठवाडा |
विजय दिवाण |
86 |
पंडिता रमाबाई एक झंझावाती व्यक्तित्व : समकालीन संदर्भात |
विद्युत भागवत |
87 |
जपानी-अमेरिकन कवयित्री मीट्स्यू यामडा यांची मुलाखत |
दीपक बोरगावे |
88 |
स्त्रीची मासिक पाळी : समतेची होळी |
सरिता आवाड |
89 |
स्त्रीची मासिक पाळी : समतेची होळी |
आनंद करंदीकर |
90 |
मार्क्स 'वाद' वैज्ञानिकता आणि क्रांतिकारकता (लेख २) |
दत्ता देसाई |
91 |
खोल दो |
सुलोचना वाणी |
92 |
भूसंपादन विधेयक : हक्क - लूट, विकास आणि लोकशाही |
मायकेल लेव्हिन |
93 |
गंगेला करायला काय करावे लागेल ? |
केपी प्रभाकरन नायर |
94 |
पानसरे अण्णांना लाल सलाम ! |
सुरेश खोपडे |
95 |
बहुविध भारतीय मन |
नरेश दधिच |
96 |
मार्क्स 'वाद' वैज्ञानिकता आणि क्रांतिकारकता (लेख ३) |
दत्ता देसाई |
97 |
अलविदा |
अरुणचंद्र गवळी |
98 |
कॉ. गोविंद पानसरे |
शरद नावरे |
99 |
आता ते दिवस राहिले नाहीत |
सचिन गरुड |
100 |
तुझा मर्डर करीन |
सितारा |
101 |
साने गुरुजींचे नवीन प्रतिमा साकारणारे चरित्र |
जास्वंदी वांबूरकर |
102 |
वैज्ञानिक दृष्टीकोन आणि आपण' : एक स्वचिकित्सा |
सुधाकर शेलार |
103 |
विडंबनातून प्रबोधन |
हर्शल लवंगारे |
104 |
भटक्या - विमुक्तांचं समकालीन जिण |
विनायक लष्कर |
105 |
अंबादास |
सुधाकर यादव |
106 |
एकविसाव्या शतकातील भांडवल : एक तोंडओळख |
थॉमस पिकेटी |
107 |
आरक्षण : प्रश्नच प्रश्न ! |
प्रताप भानू मेहता |
108 |
भारतकन्या |
सुकुमार शिदोरे |
109 |
प्रतिकाराचे प्रतिक ! |
अरुणा बुरटे |
110 |
गोवंश हत्याबंदीचे अरिष्ट |
रवींद्र धनक |
111 |
गोवंश हत्या बंदी कुणाच्या फायद्याची ? |
अनिल हिवाळे |
112 |
हिटलरचे शिक्षणविषयक विचार |
दिनानाथ मनोहर |
113 |
जपानी-अमेरिकन कवयित्री मीट्स्यू यामडा यांची मुलाखत (उत्तरार्ध) |
दीपक बोरगावे |
114 |
बदलापूर : एका बदलाची सुरुवात |
संजय खिलारे |
115 |
नव्या जाणिवांची विचक्षण कविता |
मंदार काळे |
116 |
समता हे समाजशास्त्रीय सत्य आहे ! |
विनोदिनी काळगी |
117 |
यशवंत सुमंत |
विलास सोनवणे |
118 |
आधीपासूनच्या लोकांचं काय झालं ? |
अवधूत डोंगरे |
119 |
महाराष्ट्रातील मुस्लिमांची सामाजिक - आर्थिक स्थिती |
विभूती पटेल |
120 |
सार्वजनिक बँका : दशा आणि दिशा |
माधव दातार |
121 |
काही दुर्लक्षित पण कळीचे मुद्दे |
विजय कुंजीर |
122 |
निवडणुका आणि सहकार क्षेत्र |
राधेश्याम जाधव |
123 |
कुठं नेऊन ठेवायचाय महाराष्ट्र ? |
जयदेव डोळे |
124 |
गांधीजींचे हिटलरला पत्र |
दिनानाथ मनोहर |
125 |
एकविसाव्या शतकातील भांडवल : एक तोंडओळख (उत्तरार्ध) |
थॉमस पिकेटी |
126 |
आंबेडकरवाद : तत्त्व आणि बदलता व्यवहार |
विजय खरे |
127 |
जयराम पटेल |
सुधाकर यादव |
128 |
कथा लिहिण्याची शिक्षा (A Kind of Slience) |
जी. के. ऐनापुरे |
129 |
ब्राझील : वर्कर्स पार्टी विरोधाचा सूर चढा का ? |
नचिकेत कुलकर्णी |
130 |
भूमिहीन, भूदान आणि भूमी अधिग्रहण |
सुनील निमसरकर |
131 |
प्रेमजी, प्रेमांध आणि प्रेमपात्र |
जयदेव डोळे |
132 |
पाडलेली मशीद शीख बांधवांनी ६३ वर्षांनंतर बांधून दिली! |
हुसेन जमादार |
133 |
घुमानचे तीर्थाटन |
कलीम अजीम |
134 |
आंबेडकरवादी नेत्यांच्या वादातीत भूमिका? |
विजय जाधव |
135 |
जागतिक मुक्त व्यापार व भारतीय शेती |
श्रीनिवास खांदेवाले |
136 |
स्वकर्तुत्वाने' कोसळलेले सोव्हिएत मॉडेल (भाग १) |
मायकेल लेबोविट्झ |
137 |
अतांबर शिरढोणकर यांची शाहिरी |
मोहन लोंढे |
138 |
सगुणा २०१५ |
अरुणचंद्र गवळी |
139 |
आई |
नारायण भोसले |
140 |
माया पंडित यांच्या सात कविता |
माया पंडित |
141 |
रहबर' मधील मुस्लीम अल्पसंख्यांक जाणिवा |
स्वप्नील बुचडे |
142 |
सार्वजनिक उपक्रम : स्थित्यंतर व नवी दिशा |
मंजूषा मुसमाडे |
143 |
महाराष्ट्रातील दुष्काळ निर्मूलनाच्या मार्गातील पेच... |
सोमिनाथ घोळवे |
144 |
मुस्लिमांचा मताधिकार काढून घ्यावाच... |
बशारद अहमद |
145 |
गोहत्या बंदी : सावरकर आणि विवेकानंद |
दत्तप्रसाद दाभोळकर |
146 |
राष्ट्रीयत्वाच्या मार्गावरील सत्यशोधक : जागृतिकार पाळेकर |
उमेश बगाडे |
147 |
मायकेल लेबोविट्झ यांची प्रस्तावना |
संजीव चांदोरकर |
148 |
कॅरोलायना स्प्रिंग... अमेरिकेच्या सरकारी शाळेत! |
श्रीकांत काळोखे |
149 |
पर्यावरणीय स्त्रीवादाची कविता |
प्रवीण घोडेस्वार |
150 |
समोरा-समोर कवी |
विजय चोरमारे |
151 |
अस्मितेच्या राजकारणाचा रंगमंचीय आविष्कार |
शैलेंद्र खरात |
152 |
प्रभाकर बरवे |
सुधाकर यादव |
153 |
तेंडुलकरांचे कादंबरीलेखन |
दत्ता भगत |
154 |
बीज अंकुरे अंकुरे... |
नारायण लाळे |
155 |
अलविदा जिजा |
2 |
156 |
सामाजिक बहिष्काराची केस |
2 |
157 |
भाषांचे भवितव्य आणि शिक्षण समावेशकता |
2 |
158 |
कोसळलेले सोव्हिएत मॉडेल (३) अग्रदल अर्थात कम्युनिस्ट पक्ष |
2 |
159 |
आव्हान शेतीक्षेत्रातील उत्पादकता वाढविण्याचे |
2 |
160 |
एका अस्वस्थतेची अखेर |
किशोर बेडकिहाळ |
161 |
आठवणीतील सुमंत सर |
पांडुरंग भोये |
162 |
आदरांजली सुमंत |
विद्युत भागवत |
163 |
मराठा आत्मोन्नतीचा संघर्ष व जागृतिकार पाळेकर |
उमेश बगाडे |
164 |
एमआयएमची अपरिहार्य आगेकूच- सुकुमार शिदोरे |
सुकुमार शिदोरे |
165 |
बाळकृष्ण रेणके शब्दांकन : शीतल भांगरे |
शीतल भांगरे |
166 |
एडवर्ड गॅलेनो : इतिहासाचे स्मरण आणि विस्मरण हा व्यवस्थेचा भाग- दीपक बोरगावे |
दीपक बोरगावे |
167 |
नसरीन मोहम्मदी -सुधाकर यादव |
सुधाकर यादव |
168 |
कोसळलेले सोव्हिएत मॉडेल (४) सोव्हिएत मॉडेलमधील कामगारवर्ग (पूर्वार्ध) : संजीव चांदोरकर |
संजीव चांदोरकर |
169 |
चुकीची जमिनी लढाई |
नितीन देसाई |
170 |
एफटीआयआयच्या विद्यार्थ्यांचे आंदोलन |
केदार देशमुख |
171 |
पेशंट |
मनोहर जाधव |
172 |
वसंत दत्तात्रय गुर्जरला सोहनलाल वाल्मिकी भेटला |
विजय चोरमारे |
173 |
अपरंपार मोर भाजला जातोय |
अरुणचंद्र गवळी |
174 |
नागरिक : कॉर्पोरेट शोषणाचा कलात्मक आविष्कार |
प्रभाकर गंभीर |
175 |
विमुक्तायन |
भीमराव जाधव |
176 |
अंबानींच्या सेवेत सार्वजनिक बँका |
परंजोय गुहा ठाकुरता |
177 |
छुप्या बाबी छुप्याच रहायला हव्यात |
अजय सहानी |
178 |
शिवकर्तृत्वाने प्रेरित झालेला 'शिवनामा' |
भालचंद्र शिंदे |
179 |
काश्मीरची गाथा |
माधव दातार |
180 |
अगा विचारवंत हो ! |
आनंद करंदीकर |
181 |
ग्रीसमधील अरिष्ट : मुद्दा भांडवली दिवाळखोरीचा आहे! |
अनंत फडके |
182 |
महामंदी की युगांतकारी प्रक्रियेचा प्रारंभ? |
दत्ता देसाई |
183 |
मेक इन इंडिया : घोषणा आणि वास्तव |
मंजूषा मुसमाडे |
184 |
शिक्षणाचा सत्यानाश |
प्रभात पटनाईक (अनु. शरद नावरे) |
185 |
कोसळलेले सोव्हिएत मॉडेल (5) सोव्हिएत मॉडेलमधील व्यवस्थापक वर्ग |
स्वैर रूपांतर : संजीव चांदोरकर |
186 |
मासिक पाळी, जननक्षमता आणि स्त्रिया स्वातीजा मनोरमा |
स्वातीजा मनोरमा |
187 |
कैलास गौड |
शब्दांकन : शीतल भांगरे |
188 |
के. लक्ष्मा गौड |
सुधाकर यादव |
189 |
कोसळलेले सोव्हिएत मॉडेल (6) आजारी सोव्हिएत अर्थव्यवस्था : काही निरीक्षणे मायकेल लेबोविट्झ |
स्वैर रूपांतर : संजीव चांदोरकर |
190 |
नेमाडेंनी ज्ञानपीठ मॅनेज केले? |
बंधुराज लोणे |
191 |
नेमाडेंच्या लिखाणाचा धसका |
सुशील गायकवाड |
192 |
राष्ट्रीय शिक्षण आराखडा गणिताच्या वर्गाचा केंद्रबिंदू-आशयाकडून प्रक्रियेकडे |
डॉ. आर. रामानुजम |
193 |
पाठ्यपुस्तकांची परीक्षा करताना (एक संवाद कृष्णकुमारांशी) |
मूळ हिंदी मुलाखत : दिशा नवानी अनु. : फारुक काझी |
194 |
मनुचा मासा,शंकासमाधान @ शाखा |
जयदेव डोळे |
195 |
सुशासन आवडे सर्वांना |
जी. संपथ |
196 |
ग्रीसचा पेचप्रसंग आणि सिरीझाच्या राजकारणाची दिशा |
नचिकेत कुलकर्णी |
197 |
नमोजींची अद्भुत काव्यप्रतिभा |
गोपाळ आजगावकर |
198 |
लक्ष्मण गायकवाड |
शब्दांकन : शीतल भांगरे |
199 |
प्रफुल बिडवई : सदैव लोकाभिमुख भूमिका आग्रहाने मांडणारा सच्चा कॉम्रेड |
विभूती पटेल अनु. नेहा महाजन |
200 |
आठवणी गुरुवर्य कलाम सरांसोबतच्या शेवटच्या दिवसाच्या... |
सृजन पाल सिंग अनु. अंबुजा |
201 |
ही लढाई आमच्या वर्गांमधूनच सुरू होते |
दिबाकर बॅनर्जी |
202 |
प्रश्न् केवळ इंद्रांचा नाही... |
अनमोल कोठडिया |
203 |
मनजित बावा |
सुधाकर यादव |
204 |
‘विचारशलाका’ची वाटचाल |
अशोक चौसाळकर |
205 |
उभारी देणारे पुस्तक |
भारती शर्मा |
206 |
‘तरुण व होतकरू कार्यकर्त्यांसाठी टिपणवही’च्या निमित्ताने... |
शांताराम पंदेरे |
207 |
राज्यांच्या राजकारणाचे अभ्यासपूर्ण विश्लेुषण |
शैलेंद्र खरात |
208 |
पोलादी चौकटीतील रोलर कोस्टर |
संजीव चांदोरकर |
209 |
शिक्षणाचा हक्क आणि शिक्षकांचे शिक्षण-प्रशिक्षण |
विनया मा. ह. |
210 |
स्त्रिया आणि अभ्यासक्रम |
दिलीप चव्हाण |
211 |
त्रिपुरा ठरावाचे स्वागत |
सुकुमार शिदोरे |
212 |
नव्या जाणिवांची कविता |
पी. विठ्ठल |
213 |
पाण्याचे कायदेशीर अराजक |
प्रदीप पुरंदरे |
214 |
संघीय मौनाचे मोदीत्व |
जयदेव डोळे |
215 |
नकारात्मक खटाटोप |
दिलीप कदम |
216 |
एमआयएमचा वाढता प्रभाव आणि भारतीय मुसलमान |
अब्दुल कादर मुकादम |
217 |
कोसळलेले सोव्हिएत मॉडेल (८) समाजवादी अंगणात 'प्रतिस्पर्धी विचारसरणी'चे आव्हान |
संजीव चांदोरकर |
218 |
महाराष्ट्रातील खंडकरी शेतकऱ्यांचा लढा |
विलास सदाफळ |
219 |
'आदर्श' धर्मनिरपेक्षता कोणती? |
आलोक ओक |
220 |
अखेर त्यांनी नमते घेतले |
वनिता शेळके |
221 |
पटपल्ली : २१ व्या शतकातील महाड |
आनंद तेलतुंबडे |
222 |
फाशीच्या शिक्षेने दहशतवाद आटोक्यात येऊ शकेल? |
अनिल दिवाण |
223 |
नव्या जाणिवांची कविता |
पी. विठ्ठल |
224 |
एमआयएमची अपरिहार्य प्रगती |
सुकुमार शिदोरे |
225 |
चितळे समितीचा अहवाल : काही मुद्दे |
प्रदीप पुरंदरे |
226 |
एफटीआयआय संपाविषयी एक अनावृत्त पत्र |
अरुण खोपकर |
227 |
चित्रमय भारत सुधीर पटवर्धन |
सुधाकर यादव |
228 |
कोसळलेले सोव्हिएत मॉडेल (9) अग्रदलीय मार्क्सवादाला रजा द्या! |
संजीव चांदोरकर |
229 |
वैद्यकीय क्षेत्रातील दोन महत्त्वाचे प्रश्न |
आशुतोष दिवाण |
230 |
जागतिक अरिष्टाचे अंतरंग |
दत्ता देसाई |
231 |
पटावर पाटीदार : पडाआडची पटकथा |
आनंद तेलतुंबडे |
232 |
आरक्षण ही काही दारिद्र्यनिर्मूलन योजना नाही! |
विजय कुंजीर |
233 |
पाटीदार आंदोलनाचा अन्वयार्थ लावताना...घनश्याम शहा |
इप्सिता चक्रवर्ती |
234 |
वर्चस्वशाली शेतकरी जातींमधील आरक्षणज्वर! |
देवेंद्र इंगळे |
235 |
आरक्षणाची संकल्पना-पाटीदारांची |
सतीश देशपांडे |
236 |
चित्रपट 'ख्वाडा'चे दिग्दर्शक भाऊसाहेब कर्हाडे यांच्याशी बातचीत |
श्रीकांत ढेरंगे |
237 |
पुरोगामी |
सुरेश राघव |
238 |
सध्या पाहताय ते फक्त आहे वामनाचे पहिले पाऊल |
दत्तप्रसाद दाभोलकर |
239 |
मराठी विज्ञान साहित्य : सापेक्ष समाजशास्त्रीय चिकित्सा |
सचिन गरुड |
240 |
चर्चेसाठी काही मुद्दे |
संजीव चांदोरकर |
241 |
नवीन शिक्षण धोरण : एक फार्स |
विनया मालती हरी |
242 |
नमस्ते सत्ता वत्सले... |
जयदेव डोळे |
243 |
निर्वासित संकटाची सोडवणूक शक्य |
स्लाव्होय झिझेक -अनु. : विश्वजित कदम |
244 |
सोडत मुद्रिकांचा स्वामी |
पी. साईनाथ |
245 |
पारधी बदलतायत, पण... |
मिलिंद बोकील |
246 |
मी माझ ऐकायला हवं आता |
बालाजी सुतार |
247 |
आरोग्यसेवेत आमूलाग्र सुधारणा करण्याचा अजेंडा हवा! |
अनंत फडके |
248 |
पर्युषणपर्वातले पाच दिवस |
दत्ता भगत |
249 |
पेशावर ः एक हुरहुर लावणारी आठवण |
पी. एम. वॉरियर (अनु. : सुकुमार शिदोरे) |
250 |
जागतिक अरिष्टाचे अंतरंग |
प्रताप गायकवाड |
251 |
इतिहास अभ्यासक्रमाची शवचिकित्सा |
बालाजी चिरडेh |
252 |
खरे दहशतवादी कोण? |
विजय जाधव |
253 |
बांधकाम कामगार कल्याणकारी मंडळातील भ्रष्टाचार |
शंकर पुजारी |
254 |
काटेकोर कायदा करावा लागेल |
आर. रामचंद्रन (अनु. ः शैलेश जोशी) |
255 |
सरकारी शाळांचे भवितव्य काय? |
दिलीप चव्हाण |
256 |
नद्यांच्या शाश्वत व्यवस्थापनाची गरज |
विजय दिवाण |
257 |
वैद्यकशास्त्रातील आणखी काही प्रश्न |
आशुतोष दिवाण |
258 |
मोहन भागवतजी फेसबुकमधून |
जयदेव डोळे |
259 |
युरोपातील स्थलांतराचा पेचप्रसंग |
विजय कुंजीर |
260 |
पक्ष आणि पापाचा घडा |
प्रताप भानू मेहता |
261 |
एन. पुष्पमाला सुधाकर यादव |
एन. पुष्पमाला-- सुधाकर यादव |
262 |
कविता |
मिथुनचंद्र चौधरी , अरुणचंद्र गवळी |
263 |
कविता |
राजश्री देशपांडे |
264 |
कविता |
नागनाथ कोत्तापल्ले |
265 |
कविता |
वैभव सोनारकर , शशिकांत हिंगोणेकर |
266 |
कविता |
प्रदीपकुमार माने |
267 |
कविता |
महादेव कांबळे , मुबारक शेख |
268 |
कविता |
मोहन कुंभार , भूषण रामटेके |
269 |
कविता |
कविता निवृत्ती म्हेत्रे |
270 |
कविता |
अलका गांधी-असेरकर , आनंदहरी |
271 |
कविता |
अलका गांधी-असेरकर, आनंदहरी |
272 |
कविता |
संदीप शिवाजीराव जगदाळे |
273 |
कविता |
गणेश सूर्यवंशी , दत्तप्रसाद दाभोळकर |
274 |
कविता |
दीपक बोरगावे |
275 |
कविता |
वसंत केशव पाटील |
276 |
कविता |
नारायण लाळे , संजय लोहकरे |
277 |
कविता |
छाया कोरेगावकर , पंडित कांबळे |
278 |
कविता |
बालिका ज्ञानदेव, अशोक अर्धापूरकर |
279 |
कविता |
संजय बोरुडे |
280 |
कविता |
नामदेव कोळी, ऐश्वर्य पाटेकर |
281 |
कविता |
राजा शिरगुप्पे |
282 |
कविता |
भरत दौंडकर |
283 |
कविता |
अस्मिता गुरव |
284 |
कविता |
प्रमोदकुमार अणेराव , कल्पना दुधाळ |
285 |
कविता |
किरण येले |
286 |
कविता |
मलिका अमर शेख |
287 |
कविता |
भंवर मेघवंशी ( राजेंद्र गोणारकर ) |
288 |
कविता |
विष्णू नागर ( अनु.विकास पालवे ) |
289 |
कविता |
उदय प्रकाश (अनु.शरद नावरे ) |
290 |
मृतकांच्या वहिवाटीचा रस्ता |
चिनुआ अचुबे , अनु. प्रकाश भातम्ब्रेकर |
291 |
सौदा |
जुआन बॉश अनु. : शैलेश जोशी |
292 |
आपरेशन |
वसीम मणेर |
293 |
बिहारचे गांधी आणि हिंसक मोसमी वारे |
अवधूत डोंगरे |
294 |
ऑलिव्हर सॅक्स : कविहृदयाचा, वैज्ञानिक दृष्टीचा, डोक्याचा डॉक्टर |
गोपाळ आजगावकर |
295 |
व्हर्मंटच्या मातीतून कविता खणून काढणारा कवी : रॉबर्ट फ्रॉस्ट |
अजित मगदूम |
296 |
भारतीय दारिद्र्याला नोबेल : अर्थ आणि अन्वयार्थ |
मंजूषा मुसमाडे |
297 |
चित्रमय भारत अजित दोडिया |
सुधाकर यादव |
298 |
भरकटलेले मुंबई शहर |
विद्युत भागवत |
299 |
मुंबई विरुद्ध मुंबईकर |
कल्पना शर्मा , अनु. : दिनानाथ मनोहर |
300 |
मुंबईचे समान नागरिक |
ज्योती पुनवणी |
301 |
1969 ची मुंबई |
प्रतिमा जोशी |
302 |
विकास... भकास |
विद्युत भागवत |
303 |
विकास... भकास |
विद्युत भागवत |
304 |
पॉर्न, मी आणि समाज |
आनंद करंदीकर |
305 |
पोर्नोचे गारदी करती आयुष्याची बरबादी |
गोपाळ आजगावकर |
306 |
उद्याच्या आजोबांची जबाबदारी |
सुरेश खोपडे |
307 |
लोकशाही मार्गाने येणारा फॅसिझम |
उद्धव कांबळे |
308 |
कला, साहित्य आणि संघ |
जयदेव डोळे |
309 |
बिहार : ओबीसी राजकारणाची पुनर्मांडणी |
प्रकाश पवार |
310 |
आंबेडकरांच्या नावानं! |
आनंद तेलतुंबडे |
311 |
टिपू सुलतानविरोधी मोहीम अस्थानी का? |
मनोज जोशी |
312 |
कविता |
संजीवकुमार सोनवणे |
313 |
कविता |
प्रदीप आवटे |
314 |
भांडवलशाहीची अरिष्टातून पुनर्रचना |
अनंत फडके |
315 |
कुछ इश्क किया, कुछ काम किया |
निमिष साने |
316 |
दोन विचारधारांचा संघर्ष |
मधू पाटील |
317 |
जनगढ सिंह श्याम |
सुधाकर यादव |
318 |
समान नागरी कायद्याची दुस्तर वाट |
माधव दातार |
319 |
भरकटलेले मुंबई शहर |
विद्युत भागवत |
320 |
ही असहिष्णुता नव्हे काय? |
प्रबुद्ध म्हस्के |
321 |
चिकित्सकांचा अंत, पण चिकित्सा अमर |
राजशेखर सोलापुरे |
322 |
पाळी असली तर विटाळ, नसली तर कुटाळ... कसले धर्म, कसले देव? |
लता प्रतिभा मधुकर |
323 |
शेतीक्षेत्रातील अरिष्ट आणि शेतकर्यांच्या आत्महत्या |
रमेश पाध्ये |
324 |
एकाकीपणाच्या गाभ्याचा मुद्दा |
अनिश अहलुवालिया |
325 |
गृहमंत्रिमहोदय, खरंच? |
वृंदा करात |
326 |
शहरं नद्यांना विसरतात, पण... |
विक्रम डॉक्टर |
327 |
आइन्स्टाईन यांच्या विचारविश्वात बुधाचा प्रवेश |
प्रकाश बुरटे |